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मनोज तिवारी का दावा- दिल्ली में हालात खतरनाक, असम की तरह यहां भी NRC की जरूरत

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी (BJP Delhi Chief Manoj Tiwari) ने मांग की है कि दिल्ली में भी National Register of Citizens की जरूरत है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 01 Sep 2019 06:59 AM (IST)
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मनोज तिवारी का दावा- दिल्ली में हालात खतरनाक, असम की तरह यहां भी NRC की जरूरत

नई दिल्ली, एएनआइ। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (national register of citizens) की अंतिम सूची का प्रकाशन शनिवार को कर दिया है। इसके बाद ही असम में 41 लाख लोगों के भाग्य का फैसला होगा कि वे देश के नागरिक हैं या नहीं। इस बीच सूची के प्रकाशन के बाद दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी (BJP Delhi Chief Manoj Tiwari) ने मांग की है कि दिल्ली में भी National Register of Citizens (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप) की आवश्यकता है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में उत्तरी पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के हालात बेहद खतरनाक हैं। यहां पर बड़ी संख्या में बाहरी लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। ऐसे में यहां पर भी जल्द ही एनआरसी लागू होगा।  

इससे पहले मई महीने में मनोज तिवारी ने कहा था कि रोहिंग्या घुसपैठियों के हमले से दिल्ली में लोग लगातार डर के साए में जी रहे हैं, इसलिए यहां भी नैशनल रजिस्ट्रर ऑफ सिटिजंस कानून लागू होना चाहिए, ताकि लोग चैन से रह सकें। यह बात दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बसई दारापुर में मृत ध्रुव त्यागी के परिजनों के साथ बातचीत के दौरान कहीं थीं। उन्होंने कहा था कि उन्हें पता चला है कि हमला करने वाले रोहिंग्या की तरह ही बांग्ला बोल रहे थे।

यहां पर बता दें कि पहली बार 1951 में एनआरसी को असम में तैयार किया गया था, जिसका अर्थ असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों से है। उस वक्त मणिपुर और त्रिपुरा को भी केंद्र ने एनआरसी तैयार करने के लिए अनुदान दिया था, लेकिन इस पर कभी काम नहीं हुआ। फिलहाल असम इकलौता राज्य है, जिसके पास अपना एनआरसी है।

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