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वेस्ट टू वंडर पार्क की खूबसूरती का मुरीद हुआ ऑस्ट्रेलिया, चाहता है अपने देश में बनाना

ब्लैकटाउन सिटी से आए उच्चस्तरीय शिष्टमंडल ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर सुनीता कांगड़ा से मुलाकात की और वेस्ट टू वंडर पार्क की तारीफ की।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:06 PM (IST)
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वेस्ट टू वंडर पार्क की खूबसूरती का मुरीद हुआ ऑस्ट्रेलिया, चाहता है अपने देश में बनाना

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्ट्रेलिया भी अपने यहां दिल्ली जैसा वेस्ट टू वंडर पार्क बनाना चाहता है। ब्लैकटाउन के महापौर स्टीफन बाली ने सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क को देखने के बाद ऑस्ट्रेलिया में ऐसा पार्क विकसित करने की इच्छा जताई है। ब्लैकटाउन सिटी से आए उच्चस्तरीय शिष्टमंडल ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर सुनीता कांगड़ा से मुलाकात की और वेस्ट टू वंडर पार्क की तारीफ की।

खूबसूरती देख हुआ मरीद
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बयान जारी कर बताया कि उद्यान विभाग के निदेशक आलोक सिंह ने निगम की योजनाओं के बारे में शिष्टमंडल को जानकारी दी। उन्होंने फ्लाईओवर के नीचे किए गए सुंदरीकरण और वेस्ट टू वंडर पार्क के बारे में विस्तार से बताया। निगम के अनुसार, शिष्टमंडल निगम के कार्यों को देखकर खुश है और इसलिए ऑस्ट्रेलिया में भी वेस्ट टू वंडर जैसा पार्क विकसित करने में निगम से मदद की इच्छा व्यक्त की है। ब्लैकटाउन के महापौर ने सुनीता कांगड़ा को ब्लैकटाउन आने का निमंत्रण भी दिया है, ताकि वह भी वहां की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं की जानकारी ले सकें।

हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन के नजदीक है पार्क
निगम ने हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन के नजदीक वेस्ट टू वंडर पार्क तैयार किया है। यहां दुनिया के सात अजूबों की कलाकृतियां हैं। इन्हें निगम ने कबाड़ में पड़ी चीजों जैसे स्ट्रीट लाइट के खंभे, नट-बोल्ट, टीन आदि से तैयार किया है। पहले इस परियोजना को 19 करोड़ रुपये की लागत से ईंट-पत्थरों की मदद से पूरा करने की योजना थी, लेकिन निगम ने कबाड़ का सदुपयोग किया। इससे निगम को 11.5 करोड़ की बचत हुई है। इसमें महज 7.5 करोड़ की ही लागत आई

किस चीज से बनी है कौन सी स्टेच्यू 

एफिल टॉवर (पेरिस, फ्रांस)
इसे बनाने में ट्रक, पेट्रोल टैंक, एंगल का इस्तेमाल किया गया है।

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (न्यूयार्क)
इसके निर्माण में रेहड़ी की कमानी, बाइक की चेन, ऑटोमोबाइल पार्ट जैसे गियर, चेन, गाड़ी की रिम की प्लेट, एंगल आदि।

ताज महल (भारत)
इसके निर्माण में पाइप, एंगल, नट बोल्ट, 1600 साइकिल रिंग, मेटल शीट, स्प्रिंग, ऑटोमोबाइल पार्ट, बिजली के खंभे, खाना बनाने की कढ़ाही, पार्क की बेंच।

गीजा का पिरामिड (मिस्र)
इसके निर्माण एंगल और बिजली के खंभों का प्रयोग किया गया है।

पीसा की मीनार (इटली)
इसके निर्माण में साइकिल की रिंग, ऑटोमोबाइल पार्ट, मेटल शीट, इलेक्ट्रिक केबल रोल का इस्तेमाल किया गया है।

द कोलोजियम (रोम)
इसके निर्माण में कार की रिम, बच्चों के झूलों के पाइप, झूलों का स्लाइडर, साइकिल के रिम, ऑटोमोबाइल पार्ट, ट्रक की मेटल शीट, बिजली के खंभों का प्रयोग किया गया है।

क्राइस्ट दी रिडीमर (ब्राज़ील)
इसके निर्माण में ट्रक की मेटल शीट, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, रेहड़ी की कमानी, स्प्रिंग, रिक्शा और बाइक की चेन, गार्डन की बेंच आदि का इस्तेमाल किया गया है। 

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