अदालत ने दिल्ली महिला आयोग को दिया आदेश, कहा- पीड़ित परिवार को घर मुहैया कराएं
पीड़िता के वकील ने अदालत को बताया कि पिछले दिनों में रहने के लिए कुछ जगहों पर बात की गई थी लेकिन इस मामले को जानने के बाद कोई भी घर देने को तैयार नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। उन्नाव कांड दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को रहने के लिए घर मुहैया कराने की जिम्मेदारी अदालत ने दिल्ली महिला आयोग को दी है। शनिवार को न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग एक टीम बनाए। यह टीम अच्छे और किफायती क्षेत्र में घर तलाश करे और 11 माह के लिए परिवार को किराये पर दिलवाए। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो कोई सरकारी घर परिवार को रहने के लिए दिया जाए।
इसके साथ ही पीड़िता को मानसिक तौर पर मजबूत करने के अलावा उसकी शिक्षा का बंदोबस्त किया जाए।
पीड़िता के वकील धर्मेद्र कुमार मिश्र ने अदालत को बताया कि पिछले दिनों में रहने के लिए कुछ जगहों पर बात की गई थी, लेकिन इस मामले को जानने के बाद कोई भी घर देने को तैयार नहीं है।
इसके अलावा कुछ लोग कम समय के लिए अपना घर किराये पर नहीं देना चाहते। अदालत ने पीड़िता के परिवार से उनके रहने की व्यवस्था के बारे में पूछा था तो परिवार ने उन्नाव में रहने से इन्कार कर दिया था। परिवार ने कहा था कि उन्हें दिल्ली में ही कहीं रहने दिया जाए।
इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीस हजारी अदालत से आग्रह किया था कि इस बारे में दिल्ली सरकार को उचित निर्देश दिए जाएं। अदालत के आदेश पर ही फिलहाल पीड़िता अपने परिवार के साथ एम्स के हॉस्टल में सीआरपीएफ की सुरक्षा के बीच रह रही है।