दिल्ली की रहने वाली पारुल को अब सुनेगी पूरी दुनिया, पढ़िए- डोरेमैन से इनका लिंक
पारुल भटनागर मुंबई व दिल्ली के कई क्षेत्रों में बच्चों के लिए वॉइस ओवर की कार्यशाला भी कराती हैं। जहां वह बच्चों को अपनी आवाज के साथ कुछ रचनात्मक करने का प्रशिक्षण देती हैं।
नई दिल्ली [रितु राणा]। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों को भी कार्टून बहुत पसंद आते हैं, कार्टून देखते हुए बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी खूब ठहाके भी लगाते हैं। इन्हीं एनिमेटेड कार्टून की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाला प्रसिद्ध कार्टून डोरेमोन जिसे शायद ही किसी बच्चे ने न देखा हो। उस कार्टून की शिजुका को अपनी आवाज दे रही हैं पीतमपुरा निवासी पारुल भटनागर। पारुल कई बड़े-बड़े शो भी करती हैं जहां वह अपनी आवाज का जादू बिखेरकर लोगों को अपनी अद्भुत आवाज से जादू से खूब आकर्षित करती हैं।
कई कार्यक्रम के लिए दे रही हैं अपनी आवाज
पारुल भटनागर मुंबई व दिल्ली के कई क्षेत्रों में बच्चों के लिए वॉइस ओवर की कार्यशाला भी कराती हैं। जहां वह बच्चों को अपनी आवाज के साथ कुछ रचनात्मक करने का प्रशिक्षण देती हैं। डोरेमोन जापानी एनिमेटिड कार्टून की सीरीज है जिसकी हिंदी भाषा में डबिंग की गई है। पारुल ने अपनी आवाज से बखूबी इन कार्टून के किरदारों को उभारा है। बच्चे जिन कार्टून की आवाज के दीवाने हैं जिन कार्टून की आवाज सुनकर ठहाके लगाते हुए उनका बचपन बीता है, वह चुलबुली आवाज पारुल भटनागर की है।
शिनचैन के चार किरदारों में भी दे चुकी हैं अपनी आवाज
पारुल ने बताया कि डोरेमोन कार्टून में वॉइस ओवर देने से पहले भी कुछ कार्टून किरदारों को अपनी आवाज दे चुकी हैं। लेकिन डोरेमोन पहला ऐसा बड़ा टीवी कार्टून है जिसमें उन्होंने अपनी आवाज दी। उन्होंने बताया कि शिजुका के अलावा वह सुनियो की मां का वॉइस ओवर भी करती हैं। वहीं, बच्चों के सबसे पसंदीदा कार्टून शिनचैन में भी वह चार किरदारों को अपनी आवाज दे रही हैं। जिनमें कजामा, मसाओ, योशिनागा मैम, हिमवारी शिनचैन की बहन की आवाज भी वह खुद निकालती हैं।
पारुल ने बताया कि उन्हें बचपन से गीत गाने का भी काफी शौक रहा है इसलिए उन्होंने कुछ एलबम में गाने भी गाए जिनमें आंखे व आलिया एलबम के गीत शामिल हैं। पारुल ने बताया कि उनसे प्रेरित होकर उनकी तीन वर्षीय बेटी भी यूट्यूब चैनल आद्या स्टोरी की सीरीज में एक्ट करती हैं। पूरे परिवार को कला के क्षेत्र में खूब रूचि है। पति से प्रेरणा लेकर उन्होंने अपने करियर की शुरूआत की और अब उनसे प्रेरित होकर बेटी भी इसी क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
शिजुका की आवाज बनने का सफर
पारुल भटनागर का बचपन दिल्ली मॉडल टाउन इलाके में बीता है उन्होंने अपनी दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई लूडलो कैसल नंबर-तीन सिविल लाइंस से पूरी की। इसके बाद वह परिवार के साथ पीतमपुरा में रहने चली गई। उन्हें बचपन से ही गीत-संगीत का शौक था। उनके दोस्त भी उनकी आवाज काफी पसंद करते थे। वह अक्सर दोस्तों के बीच गाने भी गाती थीं और उनके दोस्त व परिवार के लोग भी उन्हें इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अक्सर प्रेरित करते रहते थे।
अपने शौक और लोगों के प्रोत्साहन से उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ म्यूजिक एंड फाइन में दाखिला लिया और 2003 में स्नातक पूरी की। स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के साथ ही अपने कॉलेज के साथी मनु राजीव विश्वामित्रा से उन्होंने शादी कर ली। उनके पति मुंबई के अग्नि डिजिटल स्टूडियो में म्यूजिक डायरेक्टर (संगीतकार) हैं। वह भी अपने पति के साथ मुंबई में रहती हैं।
उनका पूरा परिवार दिल्ली में ही रहता है इसलिए अक्सर वह अपने घर आती-जाती रहती हैं। पारुल को उनके पति ने शिजुका के किरदार के लिए वॉइस ओवर देने के लिए खूब प्रोत्साहित किया। पारुल ने बताया कि पति से ही प्रेरणा लेकर उन्होंने 2005 में डोरेमॉन की शिजुका के किरदार की आवाज के लिए पंचशील यूटीवी में ऑडिशन दिया। उनके साथ पूरे परिवार को बहुत खुशी हुई। उनके दोस्त व परिवार के लोग भी उन्हें प्यार से शिजुका ही बुलाते हैं।
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