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New parking policy in Delhi: न जाम लगेगा और न होगी परेशानी, MCD ने बनाई योजना

नई पार्किंग पॉलिसी की अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली के नगर निगमों ने इसे लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

By Pooja SinghEdited By: Updated: Tue, 01 Oct 2019 11:11 AM (IST)
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New parking policy in Delhi: न जाम लगेगा और न होगी परेशानी, MCD ने बनाई योजना

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। नई पार्किंग पॉलिसी की अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली के नगर निगमों ने इसे लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। निगमों को तीन माह में यह नीति लागू करनी है। इस नीति को लागू करने के लिए लाजपत नगर-3 रिहायशी इलाके में पार्किंग मॉडल तैयार किया गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के रिहायशी इलाकों में इसी पार्किंग मॉडल को लागू किया जाएगा। इस मॉडल के तहत निगम ने पूरे रिहायशी इलाके में उन जगहों की पहचान की है जहां वाहन खड़े होते हैं। साथ ही उन स्थानों की भी पहचान की है जहां पर लंबे समय से खराब वाहन खड़े हैं। निगम ने इस प्लान को तैयार कर विभिन्न एजेंसियों और स्थानीय आरडब्ल्यूए को सौंप दिया है।

ऐसे किया जाएगा प्लान

इस पार्किंग मॉडल के तहत हर घर का मैप तैयार किया गया है। साथ ही यह भी पता लगाया गया है कि यहां पर कितने वाहन खड़े हो सकते हैं और कितने वाहनों के खड़े होने के लिए स्थान नहीं है। इतना ही नहीं उन स्थानों की भी पहचान की गई है जहां पर आपातकालीन वाहनों के निकलने के लिए रास्ता नहीं है। निगम यहां पर पार्किंग को व्यवस्थित कर इन स्थानों को आपातकालीन वाहनों के निकलने के लिए भी बनाएगा। निगम के अनुसार लाजपत नगर-3 में 488 प्लॉट हैं। इसमें से 88 प्लॉट में भूतल पार्किंग की व्यवस्था है और बाकी में पार्किंग व्यवस्था नहीं है।

सही से वाहन नहीं लगाने से होती है पार्किंग की समस्या

इस कॉलोनी में रोजाना 2477 गाड़ियां खड़ी होती हैं। लेकिन, सिर्फ 905 वाहनों के लिए खड़ी होनी की सुविधा है। 1572 गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इतना ही लाजपत नगर-3 में 12 प्वाइंट ऐसे जहां पर वाहनों के सही ढंग से खड़े न होने की वजह से जाम लग जाता है और आठ प्वाइंट ऐसे हैं जहां पर आपातकालीन वाहनों के निकलने का स्थान नहीं है।

व्यावसायिक वाहन सड़क पर नहीं हो सकेंगे खड़े

निगम के अनुसार निगम उन स्थानों की पहचान करने में लगा है जहां पर रात में बड़ी संख्या में व्यावसायिक वाहन जैसे बस, ट्रक या ऑटो सड़क पर खड़े होते हैं। इसलिए ऐसे स्थानों की पहचान कर निगम इन्हें अस्थायी पार्किंग के रूप में बदलेगा। जहां पर टेंडर प्रक्रिया द्वारा पार्किंग स्थल अलॉट किए जाएंगे। इसके बाद इन सड़कों पर वाहन खड़े करने पर पार्किंग शुल्क अदा करना होगा। 

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