सावधान: अगर गंगा नदियों में किया मूर्ति विसर्जन तो देना पड़ा जाएगा इतना जूर्माना
गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली उप्र समेत 11 राज्यों को 15 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Fri, 04 Oct 2019 08:34 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र: गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली, उप्र समेत 11 राज्यों को 15 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब त्योहार या आम दिनों में गंगा व इसकी सहायक नदियों में प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसा किया तो 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
इस अधिनियम के तहत दिए निर्देशकेंद्र के अधीन आने वाले स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने दिल्ली, उत्तराखंड, उप्र, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा को यह निर्देश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा पांच के तहत दिए हैं।
50 हजार देना होगा जुर्मानाएनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र की ओर से 16 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि गंगा व उसकी सहायक नदियों अलकनंदा, भागीरथी, मंदाकिनी, नंदाकिनी, घाघरा, गंडक, सोन, धौलगंगा आदि में प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। गणोश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दशहरा, दिवाली, छठ व सरस्वती पूजा खत्म होने के सात दिनों के अंदर राज्य सरकारों को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट देनी होगी। नियम का उल्लंघन करने पर पर्यावरण हर्जाने के तौर पर 50 हजार रुपये देने होंगे।
जिलाधिकारियों का होगा जिम्मानए नियमों को अमल में लाने का जिम्मा जिलाधिकारियों का होगा। साथ ही नदी तटों और घाटों की घेराबंदी के निर्देश दिए गए हैं। नदी तटों पर सजावट का सामान, पूजा सामग्री व फूलों को डालने के लिए डिब्बे रखने होंगे, ताकि इन सामग्रियों को नदी में जाने से रोकने के साथ ही रीसाइकिल किया जा सके। परंपराओं के निर्वहन के लिए नगरपालिका या नगर निगम की जमीन या नदियों के पास प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए छोटे अस्थायी तालाब बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जल की गुणवत्ता में कमी आने पर अध्ययन करने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। एनएमसीजी ने इस संबंध में उत्तराखंड, झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के अफसरों संग 12 सितंबर को बैठक की है।
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