Durga Puja 2019: अस्थायी तालाबों में मूर्ति विसर्जन रहा कामयाब, यमुना घाट पर भी दिखीं पूजन सामग्रियां
Durga Puja 2019 मंगलवार को दशहरा पर लोगों ने दुर्गा विसर्जन यमुना में न करके जिला प्रशासन की ओर से जगह-जगह बनाए गए अस्थायी तालाबों में किया।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 09 Oct 2019 07:07 PM (IST)
नई दिल्ली (शुजाउद्दीन)। Durga Puja 2019: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इस वर्ष राजधानी दिल्ली में यमुना में गणपति और दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। प्रतिबंध का असर यमुनापार में देखने को मिला। एनजीटी के आदेश से जहां यमुना प्रदूषित होने से बची, वहीं विसर्जन को लेकर लोगों में सकारात्मक परिवर्तन भी देखने को मिले। मंगलवार को दशहरा पर लोगों ने दुर्गा विसर्जन यमुना में न करके जिला प्रशासन की ओर से जगह-जगह बनाए गए अस्थायी तालाबों में किया।
गणेश विसर्जन के दौरान दिखी थी खामियांगत 12 सितंबर को हुुए गणेश विसर्जन के बाद तालाबों पर सफाई व्यवस्था में खामियां देखने को मिली थीं, मूर्तियों को जगह-जगह डाला हुआ था। निगम की इस लापरवाही को जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद तालाबों की सफाई भी हुई थी। गणेश विसर्जन से सबक लेते हुए जिला प्रशासन और निगम दुर्गा विसर्जन पर मुस्तैद दिखा।
एनजीटी के आदेश पर नहीं हो रहा विसर्जन
दहशहरा की रात को ही तालाबों से मूर्तियां जमा करनी शुरू कर दी थीं, कई जगह बुधवार सुबह भी मूर्तियां इकट्ठा की गई। पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि एनजीटी के आदेश के अनुसार इस बार यमुना में किसी को भी दुर्गा मूर्ति विसर्जन नहीं करने दिया गया। गुजरात की तर्ज पर इस बार विसर्जन के लिए दिल्ली में अस्थायी तालाब बनाए गए हैं।
729 मूर्तियां हुईं विसर्जित
पूर्वी जिले में पांच अस्थायी तालाब बनाए गए थे। करीब 729 मूर्तियां विसर्जित की गई हैं, रात को ही सफाई का काम शुरू हो गया था। अधिकतर मूर्तियां मिट्टी की थी जो पानी में ही घुल गईं, दूसरी चीजों से तैयार मूर्तियों को निगम ने निर्धारित स्थान पर पहुंचाया।सफल रहा अस्थायी तालाब का प्रयोगअस्थायी तालाब का प्रयोग सफल रहा, उम्मीद है आने वाले समय में अस्थायी तालाबों में ही विसर्जन किया जाएगा। उत्तरी पूर्वी जिले की जिलाधिकारी शशि कौशल ने बताया कि दशहरा पर 721 मूर्तियां अस्थायी तालाबों में विसर्जित की। अस्थायी तालाब की योजना कामयाब रही है, इससे यमुना प्रदूषित होने से बच गई। नहीं माने लोग चोरी छिपे यमुना में डाली पूजन सामग्रीएनजीटी ने यमुना में मूर्ति विसर्जन के साथ ही पूजन विसर्जन पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन लोग नहीं माने। भले ही लोगों ने मूर्ति विसर्जन यमुना में नहीं किया, लेकिन चोरी छिपे यमुना में पूजन सामग्री विसर्जित की।घाट पर दिखी पूजन सामग्रीबुधवार को यमुना घाट पूजन सामग्री से पटे दिखे। गीता कॉलोनी, लोहे वाला पुल, मयूर विहार में यमुना किनारे पर पूजन सामग्री का ढेर प्रशासन और निगम के दावों की पोल खोलने के लिए काफी था। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि एनजीटी में जिला प्रशासन, निगम, डीडीए, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल बोर्ड सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की कई बार बैठक हुईं। इसमें तय किया गया कि प्रशासन का काम अस्थायी तालाब बनवाकर उसमें विसर्जन करवाना था और निगम का काम तालाबों की सफाई और मूर्तियां उठाना था। पुलिस को जिम्मेदारी गई थी की वह यमुना में विसर्जन को रोके। दिल्ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पूर्वी जिले में पांच अस्थायी तालाब बनाए गए थे। करीब 729 मूर्तियां विसर्जित की गई हैं, रात को ही सफाई का काम शुरू हो गया था। अधिकतर मूर्तियां मिट्टी की थी जो पानी में ही घुल गईं, दूसरी चीजों से तैयार मूर्तियों को निगम ने निर्धारित स्थान पर पहुंचाया।सफल रहा अस्थायी तालाब का प्रयोगअस्थायी तालाब का प्रयोग सफल रहा, उम्मीद है आने वाले समय में अस्थायी तालाबों में ही विसर्जन किया जाएगा। उत्तरी पूर्वी जिले की जिलाधिकारी शशि कौशल ने बताया कि दशहरा पर 721 मूर्तियां अस्थायी तालाबों में विसर्जित की। अस्थायी तालाब की योजना कामयाब रही है, इससे यमुना प्रदूषित होने से बच गई। नहीं माने लोग चोरी छिपे यमुना में डाली पूजन सामग्रीएनजीटी ने यमुना में मूर्ति विसर्जन के साथ ही पूजन विसर्जन पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन लोग नहीं माने। भले ही लोगों ने मूर्ति विसर्जन यमुना में नहीं किया, लेकिन चोरी छिपे यमुना में पूजन सामग्री विसर्जित की।घाट पर दिखी पूजन सामग्रीबुधवार को यमुना घाट पूजन सामग्री से पटे दिखे। गीता कॉलोनी, लोहे वाला पुल, मयूर विहार में यमुना किनारे पर पूजन सामग्री का ढेर प्रशासन और निगम के दावों की पोल खोलने के लिए काफी था। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि एनजीटी में जिला प्रशासन, निगम, डीडीए, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल बोर्ड सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की कई बार बैठक हुईं। इसमें तय किया गया कि प्रशासन का काम अस्थायी तालाब बनवाकर उसमें विसर्जन करवाना था और निगम का काम तालाबों की सफाई और मूर्तियां उठाना था। पुलिस को जिम्मेदारी गई थी की वह यमुना में विसर्जन को रोके। दिल्ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक