छींक से भी टूट सकती है आपकी हड्डी, यकीन नहीं हो रहा तो पढ़िए खबर
World Osteoporosis Day 2019 आज विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ढलती उम्र में भी कैसे अपना ख्याल रखा जा सकता है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Oct 2019 04:26 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। World Osteoporosis Day 2019: आपकी एक छींक से आपकी हड्डी टूट सकती है। पढ़ कर हैरान हो गए ना। मगर सच है यह। जी हां बिल्कुल सौ आना सच। ढलती उम्र जब आपको अपनी आगोश में ले लेगा तब आप आज जिस तरह जवां और मजबूत हैं उस दिन ऐसा महसूस नहीं करेंगे। वह भी खासतौर पर महिलाएं। पुरुष की शारीरिक सरंचना ऐसी होती है कि वह देर से अपने बुढ़ापे की ओर अग्रसर होता है वहीं महिलाएं जल्दी ही बुढ़ापे की ओर कदम बढ़ देती हैं।
आज है विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवसआज विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ढलती उम्र में भी कैसे अपना ख्याल रखा जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव के कारण ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे पीड़ित मरीजों में कूल्हे व रीढ़ की हड्डी में अक्सर फ्रैक्चर हो जाता है। शरीर में विटामिन डी व कैल्शियम की कमी ऑस्टियोपोरोसिस का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
महिलाओं में होती है ज्यादा बीमारी एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखी जा रही है। इस वजह से महिलाएं कूल्हे के फ्रैक्चर से भी अधिक पीड़ित होती हैं, लिहाजा 45 साल की उम्र के बाद डेक्सा स्कैन जांच जरूर करानी चाहिए।
एम्स के डॉक्टर ने बताया क्यों जरूरी है जांचएम्स के ऑर्थाेपेडिक सर्जन डॉ. भावुक गर्ग ने कहा कि इस जांच के जरिये हड्डियों की मजबूती का पता लगाया जाता है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर डॉक्टर विटामिन डी व कैल्शियम की दवा लेने की सलाह देते हैं।
देश के 10 करोड़ लोग है इस बीमारी से पीड़ितएम्स के डॉक्टरों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब छह करोड़ 10 लाख लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। पश्चिमी देशों के मुकाबले यहां के लोगों को 10-12 साल पहले यह बीमारी हो जाती है। डॉ. भावुक गर्ग ने बताया कहा कि महिलाओं को 45 साल की उम्र के बाद हार्मोनल परिवर्तन आने से यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि पुरुषों में सामान्य तौर यह बीमारी 60 वर्ष की उम्र के बाद देखी जाती है। इसलिए पुरुषों को 60 साल की उम्र के बाद डेक्सा स्कैन जांच करानी चाहिए।
छींक से टूट सकती हैं हड्डियां डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी के कारण हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मरीज अगर जोर से छींके तो भी हड्डियों में फ्रैक्चर हो सकता है।इस कारण होती है कमी इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण विटामिन डी की कमी है। इसके अलावा खानपान में कैल्शियम की कमी भी बड़ी समस्या है। लोगों को प्रतिदिन 300-500 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। इन दोनों पोषक तत्वों की कमी के साथ ही अब शारीरिक मेहनत भी कम हो गई है।
शहरों में ज्यादा होती है बीमारीखास तौर पर शहरों में लोग अब शारीरिक मेहनत नहीं करते। सूर्य की रोशनी विटामिन डी का सबसे बेहतर स्नोत है। पूरे दिन दफ्तर में काम करने वाले लोगों को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता। इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनिंदर सिंह ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ शरीर में विटामिन डी व कैल्शियम के स्तर पर नजर रखनी चाहिए।
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