Delhis Ravidas temple matter: और आसान हुई संत रविदास पुनर्निर्माण की राह, SC ने मंजूर किया केंद्र का प्रस्ताव
Delhis Ravidas temple matter दक्षिण दिल्ली के तुगलगाबाद इलाके में संत रविदास के पुनर्निर्माण की राह अब और आसान हो गई है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:25 PM (IST)
नई दिल्ली, आइएएनएस/एएनआइ। Delhis Ravidas temple matter: दक्षिण दिल्ली के तुगलगाबाद इलाके में संत रविदास के पुनर्निर्माण की राह अब और आसान हो गई है। सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Central government) के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने 200 वर्गमीटर का प्लॉट देने की बात कही थी।
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी हिदायद दी है कि यहां पर किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित नहीं की जाएगी। इसके तहत पेड पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं होगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर एक कमेटी का गठन करें, जो निर्माण की देखरेख करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण का केंद्र सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए कहा कि मंदिर का पुनर्निर्माण तुगलकाबाद वन क्षेत्र की उसी संरक्षित जमीन पर होगा जहां उसे अगस्त में शीर्ष अदालत के आदेश पर हटा दिया गया था।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एस. रविंद्र भट की पीठ ने रविदास मंदिर के लिए आवंटित की जाने वाली जमीन का क्षेत्रफल बढ़ाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार 400 वर्गमीटर जमीन आवंटित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रद्धालुओं और सरकारी अधिकारियों समेत सभी संबंधित पक्षों से वार्ता के बाद संवेदनशीलता और आस्था को ध्यान में रखकर जमीन देने पर सहमति व्यक्त की है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह छह हफ्ते के भीतर मंदिर के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक समिति का गठन करे। शांति बनाए रखने की अपील करते हुए शीर्ष अदालत ने उन सभी लोगों को पर्सनल बांड पर रिहा करने का आदेश भी दिया जिन्हें मंदिर पुनर्निर्माण की मांग के समर्थन में किए गए प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किया गया था। पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि मंदिर और आसपास कोई भी वाणिज्यिक गतिविधि नहीं होगी, इसमें पार्किंग के लिए लिया जाने वाला शुल्क भी शामिल है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को रविदास मंदिर हटा दिया था। चार अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों (मंदिर पुनर्निर्माण की मांग करने वाले) को अटॉर्नी जनरल से वार्ता करके कोई सर्वसम्मत समाधान लेकर आने के लिए कहा था।
'जमीन संत रविदास समिति को ट्रांसफर होने तक जारी रहेगी लड़ाई'रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मंत्री प्रदीप जैन ने सोमवार को कहा, 'हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब सिकंदर लोधी की जमीन पूरी तरह संत रविदास समिति को दे दी जाएगी।' याचिकाकर्ताओं में हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी शामिल हैं। जबकि दिल्ली कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक राजेश लिलोथिया ने डीडीए के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।
यह भी जानें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर का ढांचा गिराने का आदेश दिया था।
- इसके बाद आदेश पर डीडीए ने कार्रवाई करते हुए 10 अगस्त को मंदिर का ढांचा ढहा दिया था।
- इससे नाराज गुरु रविदास के अनुयायियों ने अपना जबरदस्त विरोध दर्ज कराया था।
- मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के अलावा पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने भी पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
- इस याचिका में कहा गया है कि पूजा का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और लोगों की भावना का ख्याल रखते हुए मंदिर के पुनर्निर्माण के साथ फिर से मूर्ति स्थापित की जाए।