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सराफा बाजार में हुई 2000 करोड़ की धनवर्षा, मर्सिडीज ने बेची 250 कार; जानें- कैसा रहा ऑटो सेक्टर का कारोबार

आर्थिक सुस्ती के माहौल में इस बार कम बिक्री की आशंका जताई जा रही थी लेकिन दोपहर से ही ज्वैलरी की दुकानों पर उमड़े लोगों ने इस आशंका को गलत साबित कर दिया।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:42 AM (IST)
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सराफा बाजार में हुई 2000 करोड़ की धनवर्षा, मर्सिडीज ने बेची 250 कार; जानें- कैसा रहा ऑटो सेक्टर का कारोबार
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Diwali Festival: दिल्ली के सराफा बाजार में धनतेरस पर अकेले शुक्रवार के दिन दिल्ली के सराफा बाजारों में 1800 से 2000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। वहीं, आर्थिक सुस्ती की मार झेल रहे ऑटो सेक्टर के लिए धनतेरस का त्योहार सुखद रहा। मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार के दिन दिल्ली-एनसीआर में ही मर्सिडीज बेंज ने कुल 250 कारों की डिलिवरी की। इसके अलावा, एमजी मोटर्स, किया मोटर्स के साथ हुंडई मोटर्स के कारों की डिलिवरी लेने वालों की संख्या भी अच्छी खासी रही। जानकारी के मुताबिक, देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी हुंडई मोटर इंडिया के मुताबिक, उसने शुक्रवार को कुल 12500 कारों की डिलिवरी की, जबकि किया कंपनी ने अपने नए ब्रांड एसयूवी सेल्टॉस 2,184 कारें बेचीं। उधर, एमडी मोटर्स ने आकड़ा जारी किया है कि उसने एसयूवी हेक्टर की 700 कारों की डिलिवरी की। 

वहीं, ज्वैलर्स की आशंका से इतर अच्छी बिक्री हुई है। ग्राहकों को लुभाने के लिए इस बार ज्वैलर्स ने हल्के वजन के साथ नए डिजाइन और धातु के मिश्रण वाली ज्वैलरी तैयार की थी।

धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है। ऐसे में इस त्योहार का इंतजार ज्वैलर्स बेसब्री से कर रहे थे। हालांकि, आर्थिक सुस्ती के माहौल में इस बार कम बिक्री की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन दोपहर से ही ज्वैलरी की दुकानों पर उमड़े लोगों ने इस आशंका को गलत साबित कर दिया।

पुरानी दिल्ली के दरीबा कलां व कूचा महाजनी में लोगों की भीड़ लगी रही। कूचा महाजनी में प्रवेश के लिए तो कतारें लगी थीं। अंदर भी पूरा बाजार खचाखच भरा था। यहां तक कि भीड़ को संभालने के लिए बाजार एसोसिएशन के कर्मचारियों के साथ ही दिल्ली पुलिस के जवान भी लगे रहे।

कमोबेश यही हाल करोलबाग, साउथ एक्स समेत दिल्ली के छोटे-बड़े बाजारों में स्थित ज्वैलरी की दुकानों का रहा। धनतेरस के मौके पर एक ओर जहां सोने और चांदी के 10 और 20 ग्राम के सिक्कों की विशेष मांग रही तो लोगों ने निवेश के लिए लिहाज से आभूषणों में भी रुचि दिखाई। लोगों ने चांदी के नोट, सिक्के, मूर्तियों के साथ ही चांदी की थाली, ग्लास, लोटा, घंटी, मंदिर समेत अन्य चीजों की खरीदारी की। उपहार में देने के लिए फोटो फ्रेम, पेन स्टैंड व गुलदस्ता समेत अन्य भी सोने-चांदी से बने उत्पाद बिके।

इस बारे में दरीबा ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रधान तरुण गुप्ता ने बताया कि धरतेरस ने मुस्कुराने का मौका दे दिया। एक दिन में ही उम्मीद से अच्छी बिक्री हुई है। दिल्ली स्तर पर यह बिक्री 800 से एक हजार करोड़ रुपये के बीच की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले बिक्री पर ज्यादा असर नहीं है। जबकि 50 फीसद तक कम होने की आशंका जताई जा रही थी।

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