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आइए जानते हैं एग्जाम वॉरियर्स के अंदर कैसे जल रहे हैं ऊर्जा के दीप

नमो एप में एग्जाम वॉरियर्स के मंत्र 13 में अपने नाम का अर्थ बताते हुए क्या कह रहे हैं योद्धा। जानते हैं कैसे एग्जाम वॉरियर्स के अंदर जल रहे हैं उर्जा के दीप।

By Pooja SinghEdited By: Updated: Sat, 26 Oct 2019 12:04 PM (IST)
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आइए जानते हैं एग्जाम वॉरियर्स के अंदर कैसे जल रहे हैं ऊर्जा के दीप
नई दिल्ली [सुधीर कुमार पांडेय]। नाम, अक्षरों से बना होता है। अक्षर, जिसका क्षय नहीं होता। इन अक्षरों से ऊर्जा मिलती है। यही सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को आगे ले जाती है। विजयपथ पर ले जाती है। शायद इसीलिए कहा गया है कि राम से बड़ा उनका नाम है।  एग्जॉम वारियर्स भी अक्षरों की ऊर्जा से वाकिफ हैं। उन्हें अपनी क्षमता, अपनी ताकत के बारे में पता है। तभी तो वे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ऊर्जा से लबरेज अपनी मंजिल पर पहुंचने, अपने लक्ष्य को भेदने के लिए तत्पर हैं। वे बता रहे हैं कि उनके नाम में कितनी शक्ति है। वे विजयपथ पर चल रहे हैं। आइए जानते हैं, नमो एप में एग्जाम वॉरियर्स के मंत्र 13 में अपने नाम का अर्थ बताते हुए क्या कह रहे हैं योद्धा...

हिमाचल प्रदेश की सोनाली को अपनी ताकत के बारे में अच्छे से पता है। वह कहती हैं कि मैं काफी खुश रहती हूं। परेशानियों से विचलित न होकर उन्हें आराम से सुलझाती हूं। मैं किसी से द्वेष नहीं रखती। अपनी गलती स्वीकार कर उसे सुधारती हूं। वंशिका कहती हैं कि मेरे विचार ही मेरी ताकत हैं, मेरी क्षमता हैं। आयुष तिवारी अपने नाम का अर्थ बताते हैं-ए-आर्टिस्टिक, वाई-यंग, यू-यूनीक, एस-स्मार्ट, एच-हेल्पफुल। अक्षय कहते हैं कि मेरे माता-पिता और मेरे दोस्त मेरी ताकत हैं। आकाश अपने नाम का अर्थ बताते हैं- ए-एंबीशियस, के-काइंड, ए-एक्टिव, एस-स्मार्ट, एच-हेल्पफुल। किंजल के मुताबिक उनके नाम का अर्थ है- के-काइंड, आई-इंटेलिजेंट, एन-नॉटी, जे-जौली, ए-ऑसम, एल-लॉयल। अक्षिता-ए-एक्टिव, के-नॉलेज, एस-सेवियर, एच-ऑनेस्ट, आई-इनोवेटिव, टी-ट्रुथफुल, ए-आर्टिस्ट।

मानवशास्त्री डॉ. आलोक चांटिया कहते हैं कि सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को आगे ले जाती है। उसकी मंजिल तक पहुंचाती है। जब हम किसी व्यक्ति के नाम पर चर्चा करते हैं तो सबसे पहला बिंदु यह आता है कि नाम को लेकर उसके अंदर क्या भाव उत्पन्न होता है। यही भाव उसे ऊर्जा देता है। जब व्यक्ति को अपने नाम का अर्थ पता होता है तो इसका लाभ उसे मनोवैज्ञानिक स्तर पर मिलता है। वह हर पल इस बात का प्रयास करेगा कि अपने नाम के अनुरूप कार्य करें। यह संस्कृति का दृष्टिकोण है। अगर समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण पर देखेंगे तो वह अपने व्यवहार को नियोजित और संयमित रखेगा। इसलिए नाम सामाजिक नियंत्रण का भी काम करता है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में आचार, व्यवहार व व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए पहले नामकरण संस्कार किया जाता था। हर अक्षर की अपनी एक तीव्रता होती है। इस तीव्रता के संयोजन से बना शब्द व्यक्ति के शरीर पर भी प्रभाव डालता है, यही कारण है कि अमृत नाम कहने पर वही व्यक्ति प्रतिक्रिया देगा जिसका नाम अमृत है, उस नाम पर दूसरा व्यक्ति प्रतिक्रिया नहीं देगा। इससे स्पष्ट है कि नाम का दिमाग पर, शरीर की तंत्रिका तंत्र पर भी असर होता है और यही मनोविज्ञान व्यक्ति को उसके व्यवहार की ओर नियंत्रित होने में सहायक होता है। जैसे राम नाम एक ऐसा नाम है, जिसमें मर्यादा का पुट है, जिस भी व्यक्ति के नाम के साथ राम जुड़ा होता है उस व्यक्ति से मर्यादित आचरण की अपेक्षा समाज के सभी लोग करते हैं। जिसका नाम कृष्ण है उस व्यक्ति से सभी लोग यह अपेक्षा करते हैं कि वह बहुमुखी प्रतिभा का धनी होगा। इसी तरह मीरा नाम ऐसी महिला के रूप में स्थापित करता है, जिसमें त्याग है जिसमें भौतिकता से इधर सिर्फ प्रेम का पुट है।

पीएम ने नन्ही बच्ची के सुझाव को माना आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मन की बात कार्यक्रम में एग्जाम वारियर्स किताब को लेकर अरुणाचल प्रदेश की नन्ही बच्ची अलिना तायंग के पत्र को शामिल किया था। अलिना ने एग्जाम वॉरियर्स पुस्तक को लेकर कुछ सुझाव दिए थे। इस नन्ही बच्ची का सुझाव था कि इस किताब में टीचर्स और पैरेंट्स के लिए भी कुछ होना चाहिए। अलिना के सुझाव को प्रधानमंत्री ने आदेश मानते हुए उसके पालन की बात कही थी।

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