2002 में दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज पार्षद की यूपी में क्यों हुई थी हत्या, पढ़िए- यह सनसनीखेज स्टोरी
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक शारदा जैन कांग्रेस पार्टी की ही दूसरी महिला पार्षद से आत्मराम गुप्ता की नजदीकियों को लेकर नाराज थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। Delhi corporator Atma Ram Gupta Murder Case: वर्ष, 2002 में हुए कांग्रेस के दिग्गज पार्षद आत्मराम गुप्ता हत्याकांड में 17 साल सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए दिल्ली नगर निगम की पूर्व कांग्रेस पार्षद शारदा जैन को अपहरण और हत्या की साजिश रचने के मामले में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। शारदा जैन उस समय उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में केशवपुरम से पार्षद थी। उन पर त्रिनगर से वरिष्ठ पार्षद गुप्ता की हत्या की साजिश रचने का आरोप था।
जस्टिस एमएम शांतनागौदर और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) और रोहिणी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। शीर्ष कोर्ट ने हालांकि तीसरे आरोपित राजेश कुमार को आरोपों से बरी कर दिया। जैन ने भाई राजकुमार और दो अन्य राजेंदर एवं रोशन सिंह के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। निचली अदालत ने 2006 में जैन, राजकुमार, राजेंदर, रोशन सिंह एवं पांच अन्य को दोषी ठहराया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने जैन, राजकुमार, राजेंदर और रोशन सिंह की सजा की पुष्टि की जबकि पांच अन्य को बरी कर दिया। रोशन सिंह की 2010 में मौत हो गई।
2002 का सबसे चर्चित हत्याकांड बना था आत्मराम का मर्डर
यहां पर बता दें कि अगस्त, 2002 का यह हत्याकांड सबसे चर्चित रहा था, क्योंकि इस हत्याकांड ने दो राज्यों की पुलिस (यूपी और दिल्ली) को भी उलझा दिया था। अपहरण के पांच दिनों बाद जब हत्याकांड का खुलासा हुआ तो यूपी और दिल्ली पुलिस के साथ आत्माराम गुप्ता के परिवार में भी हड़कंप मच गया था। हत्या के पीछे वजहों ने इसे चर्चित हत्याकांड बना दिया था।
... इसलिए करवाई थी हत्या
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, शारदा जैन कांग्रेस पार्टी की ही दूसरी पार्षद मेमवती बरवाला से आत्मराम गुप्ता की नजदीकियों को लेकर नाराज थी। 24 अगस्त, 2002 को आत्माराम गुप्ता शारदा जैन के साथ फिरोजशाह कोटला मैदान में कांग्रेस की रैली में हिस्सा लेने गए थे। इसके बाद उनका अपहरण कर लिया गया और पांच दिनों बाद बुलंदशहर जिले में उन्हें मृत पाया गया।
ऐसी रची पूरी साजिश
जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि आत्मराम गुप्ता की हत्या की साजिश उनकी सहयोगी पार्षद शारदा जैन ने रची थी। जांच में खुलासा हुआ कि हत्या प्रेम प्रसंद में हुई थी और शारदा जैन ने इसके लिए भाड़े के हत्यारों की मदद ली थी।
जानिए- सनसनीखेज हत्या कांड की अहम बातें
- 24 अगस्त को त्रिनगर के तत्कालीन निगम पार्षद आत्माराम गुप्ता सुबह 10 के आसपास फिरोजशाह कोटला मैदान रैली में गए थे। पूरी रात बीतने पर जब वह घर नहीं लौटे तो परिजनों ने नजदीक के केशवपुरम थाने में गुमशुदुगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
- दिल्ली की राजनीति की दुनिया में अच्छा खासा नाम कमाने वाले आत्मराम गुप्ता की गुमशुदुगी से हड़कंप मचा गया था। पुलिस भी कटघरे में थी।
- फिर पांच दिन बाद आत्मराम गुप्ता का शव बुलंदशहर की नहर में मिला।
- इससे पहले पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आत्मराम अंतिम बार वह अपनी इंडिया कार से शारदा जैन के केशवपुरम स्थित घर गए थे।
- शक होने पर दिल्ली पुलिस ने शारदा जैन से पूछताछ की तो वह लगातार पुलिस की गुमराह करती रहीं। यह भी कहा कि रैली से लौटने के दौरान 2 बजे के आसपास बस अड्डे के नजदीक उनके जानकार मिले तो वह वहीं उतर गए थे।
- दिल्ली पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो शारदा जैन टूट गईं और मामले का खुलासा हो गया।
दिवाली पर जमकर फूटे पटाखे, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 500 पार तो हापुड़ में 700 के करीब
अब मंत्रिमंडल विस्तार से उम्मीद, हरियाणा के इन विधायकों के मंत्री बनने की है प्रबल संभावना
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक