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JNU में छात्रों का जोरदार हंगामा, बीमार पड़े प्रोफेसर और कुलपति की एंबुलेंस को रोका

जेएनयू में छात्रावास के नए नियम के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है इसके सिलसिले में प्रशासन की सोमवार को बैठक हुई।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 28 Oct 2019 07:20 PM (IST)
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JNU में छात्रों का जोरदार हंगामा, बीमार पड़े प्रोफेसर और कुलपति की एंबुलेंस को रोका

नई दिल्ली [राहुल मानव] जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की तरफ से छात्रावास के लिए नए नियमों के ड्राफ्ट के सिलसिले में सोमवार को इंटर होस्टल एडमिनिस्ट्रेशन कमेटी (छात्रावास प्रशासन समिति) की महत्वपूर्ण बैठक जेएनयू कंवेंशन सेंटर में हुई। इस बैठक में छात्र संघ और इनके समर्थित वामपंथी छात्र संगठनों ने छात्र संघ के प्रतिनिधियों को बैठक में ना बुलाए जाने के लिए खिलाफ कंवेंशन सेंटर पर प्रदर्शन किया। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों के शोर और नारेबाजी के कारण बैठक को बाधित किया गया।

इसके कारण स्टूडेंट डीन प्रो उमेश कदम की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें संस्थान से बाहर अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया। लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनकी एंबुलेंस को घेर लिया और अस्पताल ले जाने से रोका। उन्हें जेएनयू के पास वसंत कुंज स्थित स्पाइन इंजरी सेंटर ले जाया जा रहा था। प्रो कदम उच्च रक्तचाप के कारण बीमार पड़ गए थे। छात्रों का यह कृत्य दर्शाता है कि उन्होंने बेहद हृदयहीनता और असंवेदनशीलता प्रदर्शित की है। यहां तक कि संस्थान के डॉक्टरों को भी छात्रों की इस अनियंत्रित भीड़ ने प्रो कदम की जांच करने से रोका। उन्हें जेएनयू के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां पर भी प्रदर्शनकारी छात्रोें की भीड़ पहुंच गई। इस केंद्र में प्रो कदम की पत्नी और दो बच्चे भी मौजूद थे, उन्होंने छात्रों से राहत की मांग की। काफी देर तक प्रो कदम को स्वास्थ्य केंद्र में बंधक बनाया गया। 

असहनीय, खतरनाक और शर्मनाक रवैया है प्रदर्शनकारी छात्रों का, होगी सख्त कार्रवाई - कुलपति 

जेएनयू के कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया के टि्वटर अकाउंट के जरिए जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्र, छात्रावास प्रशासनिक समिति के सदस्य नहीं हैं, उन्होंने कंवेंशन सेंटर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की, जिससे बैठक में बाधा भी पहुंची। इसकी वजह से प्रो कदम की हालत बिगड़ गई, उन्हें जेएनयू से बाहर अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन उनकी एंबुलेंस को इन प्रदर्शनकारी छात्रोें ने घेर लिया और अस्पताल ले जाने नहीं दिया। छात्रों द्वारा इस तरह का व्यवहार बेहद निंदनीय और अपमानजनक है। विश्वविद्यालय प्रशासन उन छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इस तरह का आचरण न केवल असहनीय है, बल्कि खतरनाक और शर्मनाक है। इन आंदोलनकारी छात्रों के एक छोटे से तबके की तरफ से पूरे विश्वविद्यालय को बंधक बनाने के प्रयास को बिल्कुल भी स्वीकारा नहीं जा सकता है। इन्हें इस तरह की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि वह किसी को भी बंधक बनाए। संस्थान में किसी भी रूप से अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

छात्र संघ ने किया दावा प्रदर्शन को गलत तरह से पेश करने की कोशिश की गई

सोमवार को जेएनयू छात्र संघ के प्रतिनिधि एवं इनका समर्थन कर रहे विभिन्न वामपंथ छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने कंवेंशन सेंटर में बैठक का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा हमारे प्रदर्शन को गलत तरह से पेश करने की कोशिश की गई है। छात्र संघ के प्रतिनिधि जेएनयू की विभिन्न समितियों द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठक में स्थायी सदस्य होते हैं। लेकिन सोमवार को बैठक में हमें नहीं बुलाया गया। इसके खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखते हुए छात्रों ने प्रदर्शन किया।  नए छात्रावास के नियमों के तहत प्रशासन छात्रावास की फीस बढ़ोतरी कर रहा है। साथ ही कई तरह के नियम तैयार करके छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। 

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