एयरपोर्ट पर लकड़ी की तस्करी में दो धरे
आइजीआइ एयरपोर्ट पर सीआइएसएफ के जवानों ने प्रतिबंधित अगर की लकड़ी की तस्करी में दो भारतीय तस्कर को दबोचा है। तस्करों की पहचान मोहम्मद अब्दुल हकीम और शमसुन इस्लाम के रूप में हुई है। उनके पास से 56 किलो अगर की लकड़ी बरामद हुई है। इसकी कीमत लाखों में आकी गई है। तस्कर दिल्ली से रियाद जाने की जुगत में थे। तस्करों ने लकड़ी को पॉलीथिन में लपेटकर बैग में रख रखा था। अगर की लकड़ी का प्रयोग मंहगा इत्र बनाने में किया जाता है। इसका निर्यात प्रतिबंधित है। लिहाजा दोनों तस्करों को एयरपोर्ट कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया है। कस्टम अधिकारी मामले की छानबीन कर रहे हैं।
सीआइएसएफ के जवानों ने दबोचा, रियाद जाने की जुगत में थे तस्कर
56 किलो अगर की लकड़ी बरामद जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
आइजीआइ एयरपोर्ट पर सीआइएसएफ के जवानों ने प्रतिबंधित अगर की लकड़ी की तस्करी में दो भारतीय तस्करों को दबोचा है। उनकी पहचान मुहम्मद अब्दुल हकीम और शमसुन इस्लाम के रूप में हुई है। उनके पास से 56 किलो अगर की लकड़ी बरामद हुई है। इसकी कीमत लाखों में आकी गई है। तस्कर दिल्ली से रियाद जाने की जुगत में थे। तस्करों ने लकड़ी को पॉलीथिन में लपेटकर बैग में रख रखा था। अगर की लकड़ी का प्रयोग मंहगा इत्र बनाने में किया जाता है। इसका निर्यात प्रतिबंधित है। लिहाजा दोनों तस्करों को एयरपोर्ट कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया है। कस्टम अधिकारी मामले की छानबीन कर रहे हैं।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि आइजीआइ एयरपोर्ट पर 26 अक्टूबर की दोपहर बल के इंटेलिजेंस विग के जवान मुस्तैद थे। इसी दौरान उन्होंने एक संदिग्ध शख्स को एयरपोर्ट के अंदर आते देखा। एक्स-रे मशीन पर जांच के दौरान बैग के अंदर संदिग्ध चीज की तस्वीर दिखी। बाद में जब बैग खुलवाकर उसकी जांच की गई तो उससे 30 किलो अगर की लकड़ी बरामद हुई।
जिसके बाद तस्कर मोहम्मद अब्दुल हकीम को दबोच उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसके साथ विदेश जाने वाले अन्य के चेकइन बैग में भी अगर की लकड़ी मौजूद है। जिसके बाद इसकी सूचना कस्टम को देकर सेक्यूरिटी होल्ड एरिया में मौजूद अन्य तस्कर शमसुन इस्लाम को भी दबोच लिया गया। वहीं, उसके बैग से भी 26 किलो अगर की लकड़ी बरामद हुई। अधिकारी के मुताबिक दोनों का ओमान एयर की उड़ान का टिकट बना हुआ था। वे मस्कट के रास्ते रियाद जाने की जुगत में थे।