दीपावली की रात दीयों और पटाखों से झुलसे 204 लोग पहुंचे अस्पताल, एक की मौत
दीपावली में हुई आतिशबाजी से वातावरण में प्रदूषण तो बढ़ा ही है काफी संख्या में लोग पटाखे जलाने के दौरान झुलस गए। पटाखों से झुलस कर आठ अस्पतालों में 692 लोग इलाज के लिए पहुंचे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पटाखों पर प्रतिबंध के कारण दिवाली पर पटाखे जलाने से लोग बाज नहीं आए। दिवाली की आतिशबाजी में करीब 204 लोग झुलस गए। जिसमें से 19 लोग अलग-अलग चार अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से कई बच्चे हैं। सफदरजंग अस्पताल में 11 लोग भर्ती किए गए, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
एक महिला की हालत नाजुक
एक महिला की हालत भी नाजुक बनी हुई है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार पटाखों से झुलसे लोगों की संख्या में करीब 24 फीसद की कमी आई है। सफदरजंग अस्पताल में कुल 73 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से पटाखों से 55 लोग व दीये से आग लगने के कारण 17 लोग झुलसे थे।
11 मरीज गंभीर रुप से जख्मी
सफदरजंग अस्पताल के बर्न वार्ड के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि 11 मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बर्न वार्ड में भर्ती किया गया, जबकि शेष मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। इलाज के लिए पहुंचने वालों में 26 बच्चे व 47 वयस्क लोग थे। अस्पताल के अनुसार, एक पीड़ित व्यक्ति 95 फीसद झुलस गया था। इस वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका। आरएमएल अस्पताल में 22 लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से दो लोग भर्ती किए गए हैं। भर्ती किए गए दो लोगों में से एक बच्चा है।
लोकनायक अस्पताल में भी पहुंचे पटाखों से झुलसे लोग
वहीं, लोकनायक अस्पताल में पटाखों से झुलसकर 14 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से दो बच्चों व एक व्यक्ति को भर्ती किया गया है। दोनों बच्चे 20 से 25 फीसद जल गए हैं। डीडीयू अस्पताल प्रशासन के अनुसार, इस अस्पताल में पटाखों से जलकर 80 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे, जिसमें से 45 मरीजों को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। 35 लोग मामूली रूप से जले थे।
10 बच्चों का हुआ इलाज
इसके अलावा लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के कलावती शरण अस्पताल में भी 10 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे थे। जिन्हें इलाज के बाद वापस घर भेज दिया गया। चार प्रमुख अस्पतालों में इस साल व पिछले साल इलाज के लिए पहुंचे पीड़ितों की संख्या अस्पताल 2019 2018 सफदरजंग 73 85 आरएमएल 22 44 लोकनायक 14 35 जीटीबी 50 45