Move to Jagran APP

Delhi Air Pollution : खतरनाक वायु प्रदूषण से आपको भी बचा सकते हैं ये 10 उपाय

Delhi Air Pollution दिल्ली-एनसीआर की मौजूदा दमघोंटू हवा में व्यायाम शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। गंभीर स्तर की इस हवा में हृदय और फेफड़ों को आराम देने की सलाह दी गई है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:51 AM (IST)
Hero Image
Delhi Air Pollution : खतरनाक वायु प्रदूषण से आपको भी बचा सकते हैं ये 10 उपाय

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर की मौजूदा दमघोंटू हवा में व्यायाम शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। गंभीर स्तर की इस हवा में हृदय और फेफड़ों को आराम देने की सलाह दी गई है। अगर पार्क वगैरह में वर्जिश अथवा सैर की जाती है तो उससे सांस लेने या हृदय गति बढ़ने की आशंका है।

देश- विदेश के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विशेषज्ञों तथा कुछ जागरूक नागरिकों के समूह ‘माइ राइट टू ब्रीद’ (एमआरटीबी) ने प्रदूषण की विभिन्न श्रेणियों के मद्देनजर घर से बाहर की गतिविधियों के लिए एक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल जारी किया है। यह स्वास्थ्य प्रोटोकॉल अमेरिका की सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. गीता सिन्हा तथा पर्यावरण नीति अर्थशास्त्री एवं इंडिकस फाउंडेशन के निदेशक लविश भंडारी द्वारा तैयार किया गया है।

इसके माध्यम से बच्चों और बुजुर्गों को बाहरी प्रदूषण के जोखिम से बचाने में मदद मिलेगी। इस प्रोटोकॉल को 10 वर्ष की आयु से ऊपर स्वस्थ बच्चों, 10 वर्ष की आयु से नीचे स्वस्थ बच्चों की श्रेणी तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों व 60 वर्ष से ऊपर की आयु वाले बुजुर्गों की श्रेणी में बांटा गया है।

प्रदूषण से बचने के 10 उपाय

  • घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाएं
  • पानी ज्यादा पिएं, इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती
  • अस्थमा के मरीज अपनी दवाइयां साथ लेकर ही घर से निकलें
  • घर पर अस्थमा के मरीज अधिक हों तो एयर प्यूरीफायर लगवाएं
  • खुले में व्यायाम कतई न करें
  • सुबह की सैर और व्यायाम बंद कर दें
  • एयर क्वालिटी 300 के पार हो तो व्यायाम बंद कर दें
  • बच्चों-बुजुर्गों का स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़े तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें
  • जरूरी नहीं हो तो घर के अंदर रहें
  • बच्चों को खुले में न जाने दें, इन दिनों बच्चे इनडोर गेम ही खेलें

 प्रोटोकॉल के मुताबिक तीसरी श्रेणी में आने वाले बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी गई है कि हवा की अच्छी और संतोषजनक श्रेणी को छोड़कर शेष सभी श्रेणियों में वह आराम करें। घर से बाहर की गतिविधियां न करें। दूसरी श्रेणी के बच्चों के लिए हवा के खराब होते ही शारीरिक गतिविधियां बंद कर देने की सलाह दी गई है। जबकि पहली श्रेणी के बच्चों के लिए सलाह है कि वे हवा के बहुत खराब होते ही घर या स्कूल से बाहर की गतिविधियां रोक दें।

प्रोटोकॉल के मुताबिक जब हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की हो जाती है तो अधिक मेहनत वाली कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करनी चाहिए। लंबी दूरी की दौड़, साइकिलिंग और मैराथन से भी बचना चाहिए। इसी तरह जब हवा खराब या बहुत खराब हो जाए तो श्वास दर और हृदय दर को बिल्कुल नहीं बढ़ने देना चाहिए।

गंभीर श्रेणी की हवा में हर वर्ग के लोगों को केवल घर के भीतर आराम ही करने की हिदायत दी गई है। यह भी कहा गया है कि जरा सी भी असहजता महसूस होते ही डॉक्टर के पास जाने से परहेज नहीं करना चाहिए।

डॉ. विवेक नांगिया (श्वास रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हेल्थ केयर) के मुताबिक, प्रदूषण एक जटिल समस्या है और इससे फेफड़े ही नहीं बल्कि तंत्रिका तंत्र और मानसिक संकाय भी प्रभावित होते हैं। मास्क पहनने से केवल पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों को ही शरीर के भीतर जाने से रोका जा सकता है, वह भी एक सीमा तक ही। जहरीली गैसों के प्रभाव को रोकने में मास्क सक्षम नहीं हैं, इसलिए एक सीमा से अधिक प्रदूषण हो जाने पर घर में कैद हो जाना ही समाधान है। 

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।