IITF 2019: इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में दिखेगी बापू की झलक
भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार दर्शकों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा।
नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार दर्शकों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। देश- विदेश के प्रतिभागी उनकी स्मृतियों से न केवल खुद को जुड़ा महसूस करेंगे बल्कि छाया चित्रों के रूप में स्वयं को उन्हें अपने साथ सहेज भी पाएंगे। यह अहसास लगातार 14 दिन तक किया जा सकेगा।
39वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू हो रहा है और 27 नवंबर तक चलेगा। मेले की थीम इस बार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रखी गई है। साझीदार देश अफगानिस्तान को बनाया गया है जबकि फोकस देश दक्षिण कोरिया रहेगा। इसी तरह साझीदार राज्य झारखंड होगा, जबकि फोकस राज्य बिहार को बनाया गया है। नवीनीकरण कार्य के चलते इस बार भी व्यापार मेला कमोबेश 50 फीसद से भी कम हिस्से में हॉल नं. 7, 8, 9, 10, 11, 12 और 12 ए में आयोजित किया जा रहा है। करीब एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में हैंगर लगाने की व्यवस्था भी चल रही है।
इस बार मेले में 20 देशों के 135 भागीदार शिरकत करेंगे। पिछले चार सालों की तरह पाकिस्तान अबकी बार भी नहीं होगा। देश विदेश के मिलाकर 750 से 800 स्टॉल रहेंगे। हॉल नं. 7 ई में थीम मंडप बनाया जा रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर केवल राज्य दिवस समारोह ही आयोजित किए जाएंगे। पिछले साल नई व्यवस्था के तहत मेले के शुरुआती चार दिन व्यापारी दर्शकों के लिए रखे गए थे, जबकि 10 दिन आम जनता के लिए। लेकिन, इस बार वापस पुरानी व्यवस्था कायम कर दी गई है। शुरुआती पांच दिन व्यापारी दर्शकों के लिए रहेंगे, जबकि शेष नौ दिन आम दर्शकों के लिए। टिकट दर में कोई इजाफा नहीं किया जा रहा है। टिकटें 66 मेट्रो स्टेशनों और बुक माइ शो के जरिये मिलेंगी। मेले में प्रवेश केवल गेट नं. एक और 10 से ही हो पाएगा। एक बार में सिर्फ 35 हजार दर्शकों को ही मेले में प्रवेश दिया जाएगा।
मेघालय रहेगा नदारद, जम्मू कश्मीर का एक ही मंडप: राज्य मंडपों में मेघालय की कमी इस बार भी खलेगी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर और लद्दाख अब भले ही अलग-अलग राज्य बन गए हों, लेकिन व्यापार मेले में पूर्ववर्ती व्यवस्था के तहत लद्दाख भी जम्मू कश्मीर मंडप का ही हिस्सा रहेगा।
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