दिल्ली के इस नामी पार्क में आते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, 4 घंटे बाद लगेगा डबल चार्ज
निगम ने यह कदम पार्क के अंदर भीड़ व बाहर पार्किंग की समस्या के चलते उठाया है। इसके लिए निगम ने क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू की है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 07 Nov 2019 01:16 PM (IST)
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के चर्चित वेस्ट टू वंडर पार्क में चार घंटे से ज्याद रुकने पर दोगुना शुल्क चुकाना होगा। निगम ने यह कदम पार्क के अंदर भीड़ व बाहर पार्किंग की समस्या के चलते उठाया है। इसके लिए निगम ने क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू की है। इसके तहत निगम साधारण टिकट के बजाय क्यूआर कोड से लैस टिकट की बिक्री करेगा। इससे बाहर निकलते समय क्यूआर कोड स्कैन करने पर यदि चार घंटे से ज्यादा समय अंदर रहे हैं तो शुल्क दोगुना हो जाएगा।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले कुछ माह में यह देखने में आया था कि वीकएंड और अन्य छुट्टियों के दिनों लोग बहुत ज्यादा समय पार्क के अंदर बिता रहे थे। इसकी वजह से पार्क के अंदर भीड़ बढ़ रही थी और बाहर लोगों को पार्किंग के लिए जगह भी नहीं मिल रही थी। इससे यहां आने वाले लोगों को भी परेशानी हुई थी और वेस्ट टू वंडर पार्क के सामने से गुजरने की वजह से भी लोग परेशान हुए थे। इसको देखते हुए निगम ने ऑनलाइन टिकटिंग प्रणाली का फैसला लिया था। इस पर फिलहाल अभी काम चल रहा है। 15-20 दिन में यह कार्य भी शुरू हो जाएगा। लेकिन, फिलहाल निगम ने क्यू आर कोड से लैस टिकट की बिक्री शुरू की है। इसके तहत टिकट पर बार कोड है, जिसे हस्तचालित (हैंडेंड ) डिवाइस द्वारा स्कैन किया जाता है। प्रवेश और निकास पर दोनों जगह टिकट दिखानी होगी। इसकी वैद्यता चार घंटे की होगी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार से इसका ट्रायल शुरू किया गया है। इसमें परिणाम सकारात्मक आने पर अगले सप्ताह मंगलवार से यह लागू कर दिया जाएगा।
... तो एक वर्ष से पहले ही लागत राशि वसूल कर लेगा निगम
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का वेस्ट टू वंडर पार्क काफी चर्चित हो रहा है। दिल्ली के साथ एनसीआर और विदेशी मेहमान भी इसे देखने आ रहे हैं। औसतन सात - नौ हजार लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान यह आंकड़ा 25 हजार तक पहुंच गया था। इससे निगम को 31 अक्टूबर तक 5.30 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। जबकि यह फरवरी माह में शुरू हुआ था। निगम को उम्मीद है कि वर्षगांठ से पहले निगम इसकी लागत राशि आठ करोड़ रुपये वसूल कर लेगा।
इस माह के अंत तक शुरू हो सकती है कैंटीन
निगम ने टेंडर प्रक्रिया के तहत एक कंपनी को यहां पर कैंटीन शुरू करने का कार्य दे दिया है। यहां कैंटीन बनाने का कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक यह कैंटीन भी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही यहां पर फोटो फ्रेम की दुकान और प्री वे¨डग शूट कराने की भी योजना है। धीरे-धीरे इन सारी योजनाओं को शुरू किया जा रहा है।
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