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आर्थिक सुस्‍ती के मसले पर केंद्र सरकार को घेरेगी कांग्रेस, रामलीला मैदान में 30 को रैली

कांग्रेस पार्टी देश में जारी कथ‍ित आर्थिक सुस्‍ती के मसले पर 30 नवंबर को रामलीला मैदान में बड़ी रैली करेगी। पार्टी की पार्लियामेंट्री स्‍ट्रेटजी ग्रुप की बैठक में यह फैसला लिया गया

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 16 Nov 2019 02:49 PM (IST)
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आर्थिक सुस्‍ती के मसले पर केंद्र सरकार को घेरेगी कांग्रेस, रामलीला मैदान में 30 को रैली
नई दिल्‍ली, एएनआइ। कांग्रेस पार्टी अब केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक मूड में नजर आ रही है। देश में जारी कथ‍ित आर्थिक सुस्‍ती के मसले पर वह 30 नवंबर को रामलीला मैदान में बड़ी रैली करेगी। इससे पहले यह रैली पहली दिसंबर को होने वाली थी लेकिन अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर इसे टाल दिया गया था। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्‍ट्रेटजी ग्रुप की बैठक में यह फैसला लिया गया।

इस रैली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल होंगे। इनके अलावा राहुल और प्रियंका गांधी के भी शामिल होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि संसद का शीत कालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है जो 13 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सियासी सरगर्मी अपने चरम पर होगी। वहीं इस रैली के कारण इसकी तपिश और बढ़ना तय मानी जा रही है।

इससे पहले एएनआइ की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कांग्रेस देश में आर्थिक सुस्‍ती (economic slowdown), किसानों की समस्‍या और बेरोजगारी के मसले पर आंदोलन करने वाली है। कांग्रेस का यह कदम ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब सरकार आर्थिक मोर्चे पर जारी सुस्‍ती को दूर करने के तमाम उपायों को आजमा रही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की एक रिपोर्ट की मानें तो अक्‍टूबर में देश की मैन्‍युफैक्‍चरिंग गतिविधियां कमजोर रही हैं। यही नहीं फैक्‍ट्री ऑर्डर्स और प्रोडक्‍शन के क्षेत्र में भी दो साल में सबसे सुस्‍त गति से बढ़ोतरी देखी जा रही है।  

दरअसल, आने वाले दिनों में दिल्‍ली और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए कांग्रेस मौजूदा हालात का फायदा उठा लेना चाहती है। यही नहीं अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस को बीते दिनों हुए हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के लायक सम्‍मानजनक सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महाराष्‍ट्र में भी वह किंग मेकर की भूमिका में है। इससे पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है। यही कारण है कि विपक्षी खेमे की लामबंदी में वह केंद्र और दूसरी पार्टियों के बीच अपनी ताकत का अहसास कराना चाहती है।