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हाथ में कड़ा पहनने के चलते नहीं देने दी थी छात्रा को परीक्षा, सिख समुदाय हुआ नाराज; प्रदर्शन

दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (Delhi Subordinate Services Selection Board) द्वारा परीक्षा के दौरान एक सिख छात्र को कड़ा पहनने के चलते परीक्षा नहीं देने का मुद्दा गरमा गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:58 PM (IST)
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हाथ में कड़ा पहनने के चलते नहीं देने दी थी छात्रा को परीक्षा, सिख समुदाय हुआ नाराज; प्रदर्शन
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (Delhi Subordinate Services Selection Board) द्वारा परीक्षा के दौरान एक सिख छात्र को कड़ा पहनने के चलते परीक्षा नहीं देने का मुद्दा गरमा गया है। सोमवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (delhi sikh gurdwara management committee) की ओर से कड़कड़डूमा स्थित डीएसएसएसबी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। आरोप है कि एक सिख छात्र को हाथ में कड़ा पहने रहने के कारण परीक्षा में बैठने नहीं दिया था। 

दिल्ली की एक सिख छात्रा को कृपाण और कड़े के चलते प्रवेश परीक्षा में बैठने न देने से नाराज दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने सोमवार को कड़कड़डूमा स्थित दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कमेटी के लोगों ने दिल्ली सरकार और डीएसएसएसबी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क जाम कर दी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें कहा गया हो की कड़ा व कृपाण के साथ सिख परीक्षा नहीं दे सकते। डीएसएसएसबी के अधिकारियों के आश्वासन के बाद डीएसजीएमसी ने प्रदर्शन खत्म किया। साथ ही डीएसजीएमसी के सदस्यों ने इस बात को लेकर चेताया कि अगर सिख विद्यार्थियों को कड़ा व कृपाण के साथ परीक्षा नहीं देने दी गई तो वह दूसरे विद्यार्थियों को भी परीक्षा में बैठने नहीं देंगे। इसके लिए उन्हें चाहे जो करना पड़े।

पीड़ित छात्रा हरलीन कौर के समर्थन में सुबह दस बजे से ही सिख समुदाय के लोग मुख्यालय पर जुटने शुरू हो गए थे। कमेटी के अध्यक्ष व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। मनजिंदर सिंह, हरलीन, समेत अन्य पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएसएसएसबी के अधिकारियों से मिला।

यह है पूरा मामला

छात्रा ने अधिकारियों को बताया कि किस तरह से उसे प्रवेश परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। मनजिंदर सिंह ने भी इस विषय पर कड़ी आपत्ति जाहिर की, साथ ही कहा कि यह सिखों का अपमान है जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद हरलीन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 14 नवंबर को उनकी पीतमपुरा में प्राइमेरी टीचर की प्रवेश परीक्षा थी, यह परीक्षा डीएसएसएसबी ने आयोजित की थी। जब वह परीक्षा केंद्र में जाने लगी तो उन्हें बाहर ही रोक दिया गया, उनसे कहा कि हाथ के कड़े और कृपाण के साथ उन्हें प्रवेश नहीं दिया सकता। उन्होंने मौके पर ही दिल्ली हाइ कोर्ट और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का एक ओर्डर दिखाया, जिसमें कहा गया कि सिख विद्यार्थी कड़े और कृपाण के साथ परीक्षा दे सकते हैं। लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। मनजिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री सिखों के साथ धोखा कर रहे हैं, उन्हें सिखों से कोई हमदर्दी नहीं है।
सिखों ने कृपाण देश की सुरक्षा के लिए उठाई थी, उन्होंने सवाल किया कि कड़े से कोई कैसे परीक्षा में नकल कर सकता है। उन्होेंने कहा कि हरलीन ने परीक्षा के लिए इतनी मेहनत की थी, लेकिन डीएसएसएसबी ने उससे उसकी धार्मिक आजादी छीन ली। उन्होंने कहा कि हरलीन को अलग से परीक्षा दिलवाई जाए। साथ ही कहा आगे से किसी सिख विद्यार्थी के साथ ऐसा होता है तो परीक्षा केंद्र पर ही प्रदर्शन होगा।
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