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छात्रा की आत्महत्या में 2 महिला टीचर अरेस्ट, क्लास में की थी बेइज्जती; दिल्ली HC पहुंचा था मामला

छात्रा ने सुसाइड नोट में स्कूल में उसकी क्लास टीचर आरती और बॉयोलॉजी पढ़ाने वाली टीचर रितिका पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 20 Nov 2019 09:42 AM (IST)
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छात्रा की आत्महत्या में 2 महिला टीचर अरेस्ट, क्लास में की थी बेइज्जती; दिल्ली HC पहुंचा था मामला
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इंद्रपुरी स्थित निजी स्कूल में पढ़ने वाली 7वीं कक्षा की छात्रा की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने उस स्कूल में पढ़ाने वाली दो शिक्षिकाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों शिक्षिकाओं को छात्रा को खुदकशी करने के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों शिक्षिकाओं को अदालत में पेश किया जिसके बाद अदालत ने दोनों शिक्षिकाओं को जेल भेजने का आदेश दिया है। सातवीं कक्षा की छात्रा ने पिछले वर्ष 1 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। छात्रा ने सुसाइड नोट में स्कूल में उसकी क्लास टीचर आरती और बॉयोलॉजी पढ़ाने वाली टीचर रितिका पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।

पुलिस के ने बताया कि घटना के बाद छात्रा की मां ने बताया था कि पिछले वर्ष 30 नवंबर को उनकी बेटी स्कूल से रोते हुए घर लौटी थी। जब उससे रोने की वजह पूछी गई तो उसने बताया कि स्कूल में बॉयोलॉजी पढ़ाने वाली टीचर रितिका ने उसे बहुत डांटा था, इसके अलावा छात्रा ने बताया कि उसकी क्लास टीचर आरती ने उसकी सबके सामने बेइज्जती की थी। छात्रा की मां ने बताया कि छात्र इस कदर डरी हुई थी कि वह बार-बार कह रही थी कि वह अब कभी स्कूल नहीं जाएगी। 1 दिसंबर की सुबह वह स्कूल न जाने की जिद्द करने लगी तो छात्रा की मां उसे घर छोड़कर कोर्ट चली गईं। शाम करीब चार बजे जब वह घर लौटीं, तो उन्होंने बेटी को उसके कमरे में पंखे से लटके हुए पाया।

पुलिस को छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट मिला था। इसमें छात्र ने स्कूल में बॉयो टीचर द्वारा डांटने और परेशान करने की बात लिखी थी। साथ ही अपनी मौत की सूचना स्कूल में देने को कहा था। हालांकि, मां की शिकायत के बाद भी इंद्रपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद पीड़ित मां दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचीं।

यहां कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त को सुसाइड नोट के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद इंद्रपुरी थाना पुलिस ने मामला तो दर्ज किया, लेकिन इस मामले में जांच नहीं की। इस पर मां ने दोबारा कोर्ट की शरण ली और जांच अपराध शाखा से करवाने की मांग की। इसके बाद जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई। अपराध शाखा ने मामले की जांच मार्च 2019 में शुरू की। जांच के बाद 17 नवंबर को दोनों शिक्षिकाओं की गिरफ्तारी हुई।

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