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JNU Fee Hike Issues: HRD मंत्रालय के साथ जेएनयू छात्रों की बैठक बेनतीजा, प्रदर्शन खत्म करने की अपील

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है और कहा है कि वे क्लास रूम में पढ़ाई के लिए आएं।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 20 Nov 2019 04:47 PM (IST)
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JNU Fee Hike Issues: HRD मंत्रालय के साथ जेएनयू छात्रों की बैठक बेनतीजा, प्रदर्शन खत्म करने की अपील
नई दिल्ली, जेएनएन/एएनआइ। जेएनयू छात्र संघ के प्रतिनिधियों की मानव संसधान विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के साथ बुधवार को बैठक हुई। यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति का गठन हुआ है, इसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रो रजनीश जैन बैठक में मौजूद रहे।

छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव ने बताया कि बैठक करीब 2 घंटे तक चली, इसमें छात्र संघ के 4 प्रतिनिधि और 34 काउंसिलर भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से छात्रावास के लाए गए नए नियमों को तुरंत वापस करने की मांग की गई। साथ ही 28 नवंबर के दिन जेएनयू प्रशासन की तरफ से इंटर हाल एडमिनिस्ट्रेशन समिति की बैठक को दोबारा बुलाया जाए और इसमें छात्र संघ के प्रतिनिधियों को भी शमिल किया जाए। कुलपति हमसे पिछले 3 सालों से नहीं मिल रहे हैं ऐसे में उन्हें भी उनके पद से हटाने की मांग की गई।

छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील 

उधर, जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है और कहा है कि वे क्लास रूम में पढ़ाई के लिए आएं। वहीं दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंजीत सिंह रंधावा ने कहा कि उन्हें एक ज्ञापन मिला है। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके सभी मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।

जेएनयू के छात्र संघ ने पुलिस पर लगाया बल प्रयोग का आरोप

वहीं, इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार को छात्र संघ ने प्रेसवार्ता की, जिसमें छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून, महासचिव सतीश चंद्र यादव मौजूद थे। आईशी घोष ने कहा कि सोमवार को जेएनयू छात्रों ने छात्रवास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ शांतिपूर्वक संसद तक पैदल मार्च निकाला था, लेकिन पुलिस की तरफ से उनपर बल प्रयोग किया गया जिससे कई छात्र घायल हुए। पुलिस व केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए। साथ ही छात्रावास के नए नियमों व फीस बढ़ोतरी को वापस लिया जाए। छात्र व जेएनयू शिक्षक समुदाय का मानना है कि जेएनयू में संकट जैसे हालात का समाधान करने में कुलपति विफल रहे हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस के छात्र व काउंसलर शशि भूषण पांडेय ने कहा, सोमवार को अपनी मांगों के लिए संसद की ओर शांतिपूर्वक जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने मुझ पर हमला किया। मुङो बचाने के लिए कुछ छात्रों ने श्रृंखला भी बनाई, लेकिन वह भी घायल हो गए। एमफिल हंिदूी की छात्र अनिता के पैर में चोटें आईं।

पुलिस ने छात्रों के आरोपों को नकारा

अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी, एसीपी अनिल मित्तल ने कहा, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली में धारा 144 लागू है। बार-बार बताने पर भी वह नहीं मान रहे थे। वह पुलिस के साथ लगातार धक्कामुक्की कर रहे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस को उकसाने की बैरिकेड फेक रहे थे, जिससे 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की

दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया, अर¨बदो मार्ग पर सोमवार को हंगामे के दौरान आइपीसी की धाराओं 186 (सरकारी कार्य में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला कर उसे ड्यूटी करने से रोकना), 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना) व धारा 188 के तहत लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। जेएनयू प्रशासन ब्लॉक के विरूपण के मामले में शनिवार को भी अज्ञात आरोपितों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जेएनयू प्रशासन ने छात्रों व पुलिस के खिलाफ दायर की याचिका

हाई कोर्ट द्वारा प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर लगाई गई रोक के आदेश का उल्लंघन करने पर छात्रों व दिल्ली पुलिस के खिलाफ जेएनयू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें जेएनयू ने छात्रों व पुलिस के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने की मांग की है। साथ ही दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को जेएनयू में हो रहे घटनाक्रम को नियंत्रित करने में सहायता करने का निर्देश देने की मांग की।

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