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illegal colonies: मालिकाना हक पाने के लिए online करना होगा आवेदन, यहां जानिए पूरी प्रकिया

illegal colonies 16 दिसंबर से आवेदन करना चालू हो जाएगा। दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक मिलते ही उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 24 Nov 2019 12:28 AM (IST)
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illegal colonies: मालिकाना हक पाने के लिए online करना होगा आवेदन, यहां जानिए पूरी प्रकिया
नई दिल्ली , जागरण संवाददाता। illegal colonies in delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अवैध काॅलोनियों में रहने वाले लोग अपने भूखंड व मकानों के मालिकाना हक के लिए आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। डीडीए का पोर्टल खुल गया है, जिस पर 16 दिसंबर से आवेदन करना चालू हो जाएगा। दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक मिलते ही उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को यह घोषणा एक प्रेसवार्ता में की।

सैटेलाइट से हुआ सीमाओं को निर्धारण

उन्होंने बताया कि काॅलोनीवासियों को आवेदन करने के 180 दिनों के भीतर मालिकाना हक मिल जाएगा। पुरी शनिवार को यहां एक पोर्टल लांच कर रहे थे, जिसमें 1731 अवैध काॅलोनियों की सीमाओं का निर्धारण किया गया है। यह निर्धारण सैटेलाइट इमेज से किया जा रहा है। इनमें से फिलहाल 40 काॅलोनियों के इमेज पोर्टल पर डाल दिये गये हैं, जबकि 500 के इमेज किसी भी समय डाले जा सकते हैं।

कर सकते हैं सलाह और शिकायतें

वेबसाइट पर काॅलोनियों के इमेज डाले गये हैं, जिन्हें देखकर आरडब्लूए अपनी सलाह और शिकायतें कर सकते हैं। इससे उनमें सुधार लाया जा सकता है। इसके लिए एक पखवाड़े का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद ही इसकी हदबंदी की जाएगी।

पोर्टल पर देना होगा संपत्‍ति का डिटेल

डीडीए के पोर्टल पर सभी काॅलोनी वालों को अपने मकान, दुकान अथवा अन्य सभी संपत्ति का डिटेल डालना होगा। उसके बाद डीडीए उसकी पुष्टि कर मालिकाना हक की प्रक्रिया पूरी कर सके। इसकी शुरुआत 16 दिसंबर से हो जाएगी। डीडीए वाइस चेयरमैन तरुण कपूर ने बताया कि डीडीए की वेबसाइट पर कुछ निश्चित दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा, जिनमें जनरल पावर आफ एटार्नी, भुगतान रसीदें और कब्जा प्रमाण पत्र प्रमुख हैं।

डीडीए की टीम करेगी पुष्‍टि

इसके बाद डीडीए की टीम संबंधित जगह पर जाकर पुष्टि करेगी। लेकिन अगर किसी को आवेदन करने में मुश्किल पेश आती है तो डीडीए के विभिन्न कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी, जहां जाकर लोग आवेदन कर सकते हैं। हेल्प डेस्क एक दिसंबर से काम करने लगेंगे।

79 गांवों की बदलेगी तस्‍वीर

दिल्ली के 79 गांवों में काटी गई काॅलोनियों को भी शहरी क्षेत्र मानकर वहां चल रहे सारे विवादों को समाप्त कर दिया गया है। वहां लागू होने वाले ग्रामीण कानून को समाप्त कर दिया गया है, उसकी जगह नगर निगम के कानून चलेंगे। उप राज्यपाल ने इस आशय के मसौदे को मंजूरी देकर अधिसूचना जारी कर दी है।

विधेयक को मिल चुकी है मंजूरी

दिल्ली की अवैध कालोनियों को वैध बनाने और उनमें रहने वालों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने संबंधी विधेयक को बीते बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे दिल्ली के 40 से 50 लाख लोगों को लाभ मिला है। इस फैसले के राजनीतिक मायने बहुत अधिक हैं, जिसका लाभ लाखों गरीबों को मिलने वाला है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा का चुनाव आने वाले साल में होने वाला है। केंद्र की भाजपा सरकार के लिए दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार की चुनौती से निपटने में यह फैसला काफी मुफीद साबित हो सकता है।

भाजपा और आम आदमी में चल रही खींचतान

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की एक वेबसाइट का उद्घाटन करने के बाद पुरी ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर तंज करते हुए कहा कि जो वो 11 सालों में नहीं सकी, उसे हमने (भाजपा) तीन महीने में कर दिया है। अरविंद केजरीवाल पर बरसते हुए पुरी ने कहा कि अवैध कालोनियों के मामले में उसने केवल अडंगेबाजी की है। उन्होंने कुछ तथ्यों को दिखाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जन कल्याण के कामों करने में विलंब करने की नीति पर कार्य करती रही है।

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