Move to Jagran APP

जानिए- कैसे ध्वनि और वायु प्रदूषण से मुक्त होंगी राजधानी, शताब्दी सहित 32 ट्रेनें

ये ट्रेनें एचओजी प्रणाली से लैस हो गई हैं। दिल्ली रेल मंडल से संचालित होने वाली 32 ट्रेनों में इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया है। 44 रैक में बदलाव किया गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 29 Nov 2019 10:41 AM (IST)
Hero Image
जानिए- कैसे ध्वनि और वायु प्रदूषण से मुक्त होंगी राजधानी, शताब्दी सहित 32 ट्रेनें

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। राजधानी, शताब्दी सहित 32 महत्वपूर्ण ट्रेनों से अब वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही इन ट्रेनों से रेलवे को कमाई भी ज्यादा होगी और ज्यादा यात्री सफर भी कर सकेंगे। इसके लिए ट्रेन और इंजन में बदलाव किया गया है, जिससे ट्रेन के कोच में रोशनी, एयर कंडीशनर (एसी), पंखे चलाने के लिए जेनरेटर की जरूरत नहीं रह गई है। अब सीधे ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी (ओएचई) से मिलने वाली बिजली कोच में सप्लाई होगी। इस तकनीक को हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) प्रणाली कहते हैं।

दिल्ली रेल मंडल से संचालित होने वाली 32 ट्रेनों में इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया है। 44 रैक में बदलाव किया गया है, जिससे दिल्ली से चलने वाली 11 शताब्दी एक्सप्रेस, आठ राजधानी एक्सप्रेस, दो दुरंतो, एक हमसफर और दस अन्य एक्सप्रेस ट्रेनें एचओजी प्रणाली से लैस हो गई हैं। इससे ट्रेन में जेनरेटर यान लगाने की जरूरत नहीं है। जिन ट्रेनों में यह सुविधा नहीं है, उनमें जेनरेटर यान लगाना पड़ता है। जेनरेटर से कोच में बिजली आपूर्ति की जाती है।

आने वाले दिनों में सभी एलएचबी कोच वाली ट्रेनों को एचओजी प्रणाली से संचालित करने की योजना है। ऐसे में जेनरेटर यान की जगह ट्रेनों में यात्री कोच लगाए जाएंगे, जिससे ज्यादा यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सकेगा। इससे रेलवे को राजस्व भी मिलेगा। मंडल रेल प्रबंधक एससी जैन का कहना है कि इस प्रणाली से संचालित होने वाली ट्रेनों में डीजल की खपत बंद हो जाती है। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।

एचओजी की विशेषता

इसे होटल लोडेड इंजन भी कहा जाता है। इसमें लगा कन्वर्टर ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिसिटी) से आने वाली बिजली को बल्ब और एसी चलाने के लिए कन्वर्ट कर कोच तक स्थानांतरित करता है। सबसे पहले दिल्ली-कालका और चंडीगढ़ शताब्दी एक्सप्रेस, उसके बाद मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में यह प्रणाली शुरू की गई।

रेवाड़ी पैसेंजर का इंजन हुआ फेल

मेरठ-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन (54412) का इंजन फेल हो जाने से बृहस्पतिवार सुबह लगभग एक घंटे तक गाजियाबाद-नई दिल्ली रेलखंड पर ट्रेन परिचालन बाधित रहा। राजधानी सहित कई ट्रेनें देरी से नई दिल्ली स्टेशनों पर पहुंची।

मंडावली और तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन के बीच सुबह लगभग नौ बजे मेरठ-रेवाड़ी पैसेंजर का इंजन फेल हो गया। इससे नई दिल्ली की ओर आने वाली लाइन पर रेल परिचालन ठप हो गया। सुबह के समय कई राजधानी एक्सप्रेस सहित पूर्व दिशा से आने वाली अन्य ट्रेनों का नई दिल्ली स्टेशन पर पहुंचने का समय रहता है। चार राजधानी एक्सप्रेस सहित दस ट्रेनें प्रभावित हुई। सुबह 10.05 बजे इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो सकी। पैसेंजस ट्रेनें भी समय पर गंतव्य नहीं पहुंच सकी।

ये ट्रेनें रहीं प्रभावित

डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (12423), सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (12313), भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी (22811), हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी (12301), सहरसा-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस (12553), गाजियाबाद-नई दिल्ली ईएमयू (64449), गाजियाबाद-पुरानी दिल्ली ईएमयू (64439), अलीगढ़-पुरानी दिल्ली ईएमयू (64105), साहिबाबाद-शकूरबस्ती ईएमयू (64411), गाजियाबाद-शकूरबस्ती ईएमयू (64031) बाधित रहीं।

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।