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दूसरे निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया, दरिंदगी के खिलाफ गुस्से की आवाज बनीं अनु

दरिंदगी के खिलाफ दिल्ली की एक बेटी का गुस्सा फूट पड़ा और वह हाथों में पोस्टर लिए संसद भवन के सामने विरोध करने पहुंच गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Sun, 01 Dec 2019 08:17 AM (IST)
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दूसरे निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया, दरिंदगी के खिलाफ गुस्से की आवाज बनीं अनु

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हैदराबाद में युवा महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव को जलाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने सात साल पहले दिल्ली की निर्भया के साथ दरिंदों की बर्बरता के जख्मों को हरा कर दिया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है।

दरिंदगी के खिलाफ दिल्ली की एक बेटी का गुस्सा फूट पड़ा

इस दरिंदगी के खिलाफ दिल्ली की एक बेटी का गुस्सा भी फूट पड़ा और वह शनिवार को सुबह-सुबह हाथों में पोस्टर लिए संसद भवन के सामने विरोध करने पहुंच गई। जबकि, हैदराबाद में गुस्साई भीड़ ने उस थाने को दिन भर घेरे रखा, जहां दरिंदों को रखा गया था। भीड़ दरिंदों को सौंपने की मांग कर रही थी, ताकि उनके साथ ही वही सुलूक किया जाए, जैसा उन्होंने चिकित्सक के साथ की। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

अनु अकेले ही विरोध करने संसद भवन पहुंची

लगभग पच्चीस साल की अनु अकेले ही विरोध करने संसद भवन पहुंची थी। उसने जो पोस्टर लिया था, उस पर लिखा था, 'मैं अपने भारत में सुरक्षित महसूस क्यों नहीं कर सकती।' दर्द और गुस्से से भरी अनु ने पोस्टर पर यह भी लिख रखा था कि 'लो जो करना है कर लो, अब डरने का मन नहीं करता।'

हर जगह असुरक्षित हैं बेटियां

हर जगह असुरक्षित हैं बेटियां एक निजी कंपनी में काम करने वाली अनु का गुस्सा सिर्फ हैदराबाद की घटना को लेकर ही नहीं है। उनका साफ कहना है कि आए दिन देश के किसी न किसी कोने से बेटियों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आती हैं, लेकिन कहीं कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। अनु का कहना है कि अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। मूलरूप से राजस्थान की रहने वाली अनु ने दूसरी महिलाओं और लड़कियों से यह अपील भी कि उनके साथ कुछ भी गलत होने पर उसे बताएं वो उनके लिए भी प्रदर्शन करेगी।

दिल्ली पुलिस ने किया परेशान

दिल्ली में अपने भाई के साथ रहने वाली अनु ने आरोप लगाया कि संसद भवन के सामने विरोध करने के कारण दिल्ली पुलिस ने परेशान किया। लेकिन दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अनु को प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। बाद में उसे रिहा कर दिया गया।

अनु के समर्थन में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष

अनु के समर्थन में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल भी थाने पहुंची। उन्होंने अनु के साथ बदसुलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा। पुलिस युवती से बदसलूकी के मामले की जांच कर रही है।

सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा

इस घटना से सोशल मीडिया पर भी उबाल आया है। द¨रदगी के खिलाफ विरोध का आवाज बनी अनु भी देखते ही देखते सोशल मीडिया पर छा गई और उनकी तुलना पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से होने लगी, जिसने संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में पहुंचकर सदस्यों को पर्यावरण को लेकर झकझोर कर रख दिया था।

चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए दरिंदे, एसआइ समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित

महिला पशु चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव को जलाने के चारों आरोपितों को शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लोगों के विरोध के चलते चारों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। इस बीच, साइबराबाद पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने में देरी के आरोप में एक शमशाबाद थाने के सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

बार एसोसिएशन का आरोपियों की तरफ से केस नहीं लड़ने का फैसला

हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित शादनगर थाने में एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने अदालत लगाई और दरिंदों को वहीं से न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद चारों की मेडिकल जांच कराई गई। सामान्य हालत पाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। स्थानीय बार एसोसिएशन ने आरोपियों की तरफ से केस नहीं लड़ने का फैसला किया है।

राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री परिजनों से मिले

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसई सौंदरराजन और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने डॉक्टर के परिजनों से मुलाकात की। दोनों भरोसा दिलाया कि मामले की जल्द सुनवाई कराकर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

महिला ने आयोग ने की सिफारिश

राष्ट्रीय महिला आयोग ने परिजनों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं करने और उनके साथ खराब बर्ताव करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा।

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