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EXCLUSIVE: दिल्ली-NCR में ठंड ने क्यों तोड़ा रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने बताई वजह

हाड़ कंपाने वाली ठंड से कैसे मिलेगी राहत जनवरी-फरवरी में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज। ऐसे कई सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने प्रादेशिक मौसम विभाग दिल्ली के प्रमुख से लंबी बातचीत की।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 30 Dec 2019 09:49 AM (IST)
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EXCLUSIVE: दिल्ली-NCR में ठंड ने क्यों तोड़ा रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने बताई वजह

नई दिल्ली। दिल्ली की सर्दी तो हमेशा से ही मशहूर रही है, लेकिन इस बार जिस तरह से रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ रही है, उससे दिल्लीवासियों की हालत खस्ता हो गई है। एक पखवाड़े से भी अधिक समय से शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। तापमान लगातार गिरता जा रहा है।

इस हाड़ कंपाने वाली ठंड से कैसे मिलेगी राहत, जनवरी-फरवरी में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज आदि ऐसे कई सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने प्रादेशिक मौसम विभाग, दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश :

 क्या वजह है कि इस बार दिल्ली में सर्दी का इतना अधिक प्रकोप देखने को मिल रहा है?

- दरअसल, 14 दिसंबर से बादल महज 200 से 300 मीटर की ऊंचाई पर सिमटे हुए हैं। धूल और प्रदूषण ने बादलों की परत को और मोटा कर दिया है। इससे सूरज की किरणों बादलों को भेदकर धरती तक नहीं पहुंच पा रही हैं। कई बार तो पूरा-पूरा दिन धूप नहीं निकलती और कई बार निकलती भी है तो हल्के स्तर पर रह जाती है। इसी से शीतलहर की स्थिति बनी हुई है और खत्म नहीं हो पा रही है।

पश्चिमी विक्षोभ और ठंडी हवा का इसमें किस हद तक योगदान है?

- उनका भी काफी योगदान है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण दिल्ली में इस समय हवा उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही है। इस हवा में ठंडक ही नहीं, बल्कि नमी भी बहुत है।

क्या भयंकर सर्दी की एक अन्य वजह जलवायु परिवर्तन भी है?

- देखिए, इसमें शक नहीं कि जलवायु परिवर्तन से मौसमी गतिविधियां अब चरम पर पहुंचने लगी हैं। गर्मी में तापमान बहुत अधिक चला जाता है तो मानसून में बारिश का रिकॉर्ड टूटने लगा है और इन सर्दियों में शीतलहर भी ज्यादा ही लंबी चल गई है। लेकिन, दूसरी तरफ यह भी देखने में आता रहा है कि हर एक दशक के बाद इस तरह की स्थिति बनती रहती है। कभी शीतलहर लंबी खिंच जाती है तो कभी कोहरा बहुत घना पड़ता है। कभी सर्दी नहीं के बराबर रहती है तो कभी सर्दी में भी ठीक-ठाक बारिश हो जाती है। यह मौसम का ही चक्र बनता जा रहा है।

 क्या वाकई इस बार 118 साल का रिकॉर्ड टूटने जा रहा है?

- जी हां। इस साल शीतलहर का प्रकोप जिस तरह लगातार बना हुआ है, उसे देखते हुए 2019 का दिसंबर माह 1901 के बाद सबसे ठंडा साबित हो सकता है। इससे पहले 1919, 1929, 1961 और 1997 में ही ऐसा हुआ है जब दिसंबर माह का औसत अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रहा हो। इस साल भी रविवार तक दिल्ली का अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस रहा है जबकि 31 दिसंबर तक यह और गिरकर इससे भी कम पहुंच सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 1901 के बाद यह दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर बन जाएगा। दिसंबर 1901 में औसत अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस रहा था।

इस हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड से राहत कब तक मिलने के आसार हैं?

- सोमवार शाम हिमालयी क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ दस्तक देने जा रहा है। दिल्ली में इसका असर मंगलवार शाम को दिखाई देगा। इसके तहत मंगलवार शाम को हल्की बारिश हो सकती है जबकि बुधवार और बृहस्पतिवार यानी एक और दो जनवरी को झमाझम बारिश के साथ ही कई क्षेत्रों में ओले पड़ने की भी संभावना है। बारिश संग दिल्ली के तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। एक जनवरी बुधवार को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से. जबकि दो जनवरी बृहस्पतिवार को 9 डिग्री से. पर दर्ज किया जा सकता है। तापमान बढ़ने पर सर्दी से भी राहत मिलेगी।

जनवरी और फरवरी में ठंड का यह दौर कैसा रहने वाला है?

- जनवरी में तो ठंड का प्रकोप बना ही रहेगा। सबसे अधिक सर्दी वैसे भी दिसंबर और जनवरी में ही पड़ती है। इस बार भी यह स्थिति बरकरार रहेगी। अलबत्ता, फरवरी में अवश्य ही मौसम थोड़ा सुधर जाएगा। तब अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में वृद्धि हो जाएगी और इतनी ही ठंड रह जाएगी कि आसानी से बर्दाश्त हो सके। मार्च आते-आते मौसम गुलाबी ठंडक वाला होने लगेगा ।

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