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Nirbhaya Case Verdict: फांसी से बचने के लिए दोषी पवन पहुंचा है SC

2012 Delhi Nirbhaya case दोषी पवन ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने घटना के समय उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 08:38 AM (IST)
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Nirbhaya Case Verdict: फांसी से बचने के लिए दोषी पवन पहुंचा है SC
नई दिल्ली, 2012 Delhi Nirbhaya case: निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को अहम सुनवाई करेगा। दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने घटना के समय उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।

याचिका पर जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी, जिसमें पीठ के अन्य सदस्य जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना शामिल हैं। इस सुनवाई में अगर फैसला दिल्ली हाई कोर्ट की तरह रहा तो पवन कुमार गुप्ता के पास फांसी से बचने का यह विकल्प भी खत्म हो जाएगा। 

वहीं, कोर्ट में दायर याचिका में दोषी पवन कुमार गुप्ता का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी दलीलों और सबूतों को अनदेखा करते हुए याचिका खारिज की है। अब सु्प्रीम कोर्ट में दायर याचिका में उसने कहा है कि उसके साथ न्याय किया जाए। याचिका में यह भी कहा कि ऐसे में अगर न्याय प्रक्रिया में थोड़ी सी भी चूक उसे फांसी के फंदे तक पहुंचा देगी।

जानिए, पूरा मामला

गौरतलब है कि दोषी पवन कुमार गुप्ता ने पिछले साल 18 दिसंबर, 2019 की दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि वह घटना के वक्त नाबालिग था। वहीं, हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके बाद 7 जनवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा की फांसी के लिए डेथ वांरट जारी किया था, जिसके तहत 22 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी। इस बीच 17 जनवरी को एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट ने नए सिरे से डेथ वारंट जारी किया है, जिसके बाद अब एक फरवरी को सुबह 6 बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। 

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ चलती बस में छह दरिंदों (ड्राइवर राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय सिंह ठाकुर) ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। हादसे के कुछ दिन बाद निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला जिसमें निचली अदालत फिर दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी चारों दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुना चुका है। वहीं, नाबालिग बाल सुधार गृह में अपनी सजा पूरी कर चुका है तो राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। 

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