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Pariksha Pe Charcha 2020: छात्रों को मोदी मंत्र- एक घंटा टेक्नोलॉजी को कहे 'No Entry'

Pariksha Pe Charcha 2020 छात्रों से संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 01:20 PM (IST)
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Pariksha Pe Charcha 2020: छात्रों को मोदी मंत्र- एक घंटा टेक्नोलॉजी को कहे 'No Entry'
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परिक्षा पे चर्चा 2020' (Pariksha Pe Charcha 2020) कार्यक्रम में छात्रों को तनाव मुक्त होकर पढ़ाई करने के कई टिप्स दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पाई जा सकती है। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।

पीएम मोदी का स्कूली छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का यह तीसरा संस्करण था। पीएम मोदी ने बोर्ड परीक्षाओं के पहले साल 2018 में इस कार्यक्रम की शुरूआत की थी। नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परिक्षा पे चर्चा 2020' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर केछात्रों के सवालों का जवाब दिया।

Pariksha Pe Charcha 2020 

- विद्यार्थी कोई कालखंड के लिए नहीं होता। हमें जीवन भर अपने भीतर के विद्यार्थी को जीवित रखना चाहिए। जिंदगी जीने का यही उत्तम मार्ग है, नया-नया सीखना, नया-नया जानना: पीएम मोदी

- अगर आप बोझ लेकर परीक्षा हॉल में गए हैं तो सारे प्रयोग बेकार जाते हैं। आपको आत्म विश्वास लेकर जाना है। परीक्षा को कभी जिंदगी में बोझ नहीं बनने देना है। आत्मविश्वास बहुत बड़ी चीज है। साथ ही फोकस एक्टिविटी होनी जरूरी है: पीएम मोदी

- संभव है कि सुबह उठकर आप पढ़ते हैं तो मन और दिमाग से पूरी तरह तंदुरुस्त होते होंगे, लेकिन हर किसी की अपनी विशेषता होती है, इसलिए आप सुबह या शाम जिस समय आपके लिए आरामदायक हों, उसी समय में पढ़ाई करो: पीएम मोदी 

- मैं किसी परिजन पर कोई दवाब नहीं डालना चाहता, और न किसी बच्चे को बिगाड़ना चाहता हूं। जैसे स्टील के स्प्रिंग को ज्यादा खींचने पर वो तार बन जाता है, उसी तरह मां-बाप, अध्यापकों को भी सोचना चाहिए कि बच्चे कि क्षमता कितनी है। मां-बाप को मैं कहूंगा कि बच्चे बड़े हो गए हैं ये स्वीकार करें, लेकिन जब बच्चें 2-3 साल के थे और तब आपके अंदर उनको मदद करने की जो भावना थी उसे हमेशा जिंदा रखिए। बच्चों को उनकी रुचि के सही रास्ते में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करना चाहिए: पीएम मोदी

- क्या हम तय कर सकते हैं कि 2022 में जब आजदी के 75 वर्ष होंगे तो मैं और मेरा परिवार जो भी खरीदेंगे वो Make In India ही खरीदेंगे: पीएम मोदी

- अरुणाचल प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है जिसमें लोग एक दूसरे को 'जय हिंद' कहते हैं। आप सभी को नॉर्थ ईस्ट घूमना चाहिए: पीएम मोदी

- अधिकार और कर्त्तव्य जब साथ साथ बोले जाते हैं, तभी सब गड़बड़ हो जाता हैं। जबकि हमारे कर्त्तव्य में ही सबके अधिकार समाहित हैं। जब मैं एक अध्यापक के रूप में अपना कर्त्तव्य निभाता हूं, तो उससे विद्यार्थियों के अधिकारों की रक्षा होती है: पीएम मोदी

- इस देश में अरुणाचल ऐसा प्रदेश है जहां एक दूसरे से मिलने पर जय-हिंद बोला जाता है। ये हिंदुस्तान में बहुत कम जगह होता है। वहां के लोगों ने अपनी भाषा के प्रचार के साथ हिंदी और अंग्रेजी पर भी अच्छी पकड़ बनाई है। हम सभी को नॉर्थ ईस्ट जरूर जाना चाहिए: पीएम मोदी

- दिन में कुछ ऐसा समय होना चाहिए कि आप खुद को तकनीक से दूर रखें। हर दिन एक तकनीक-मुक्त घंटा होना चाहिए। उस समय को दोस्तों, परिवार, पुस्तकों, बगीचे या पालतू जानवरों के साथ बिताएं: पीएम मोदी

- आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं। नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है। इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया: पीएम मोदी 

- तकनीक का भय अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए। तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है। स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं। तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा: पीएम मोदी

- यदि आप पढ़ाई के अलावा कोई अतिरिक्त गतिविधि नहीं करेंगे, तो आप एक रोबोट की तरह बन जाएंगे। क्या हम चाहते हैं कि हमारा युवा रोबोट में बदल जाए? नहीं वह ऊर्जा और सपनों से भरे हुए हैं: पीएम मोदी

- 2001 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज याद है? हमारी टीम को असफलताओं का सामना करना पड़ रहा था और मूड अच्छा नहीं था। लेकिन, हम यह कभी नहीं भूल सकते कि राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने कैसे मैच को पलट दिया। यह सकारात्मक सोच और प्रेरणा की शक्ति है।

- सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है: पीएम मोदी

- क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से। अधिकतर आपने देखा होगा कि जब Mood off  होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं: पीएम मोदी

- जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए। मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामूहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं: पीएम मोदी

- अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पे चर्चा। युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं: पीएम मोदी 

- फिर एक बार आपका ये दोस्त आप सबके बीच में है। सबसे पहले मैं आपको नववर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं: पीएम मोदी 

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिक्षा पे चर्चा करने के लिए दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंच गए हैं। अभी कार्यक्रम को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक संबोधित कर रहे हैं।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परिक्षा पे चर्चा 2020' के दौरान स्कूली छात्रों के साथ बातचीत से पहले एक प्रदर्शनी में भाग लिया।

- बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और अभिभावक पीएम से बातचीत करने के लिए दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में जुट गए हैं।

- प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया कर कहा है कि तनाव मुक्त परीक्षा पर दिलचस्प चर्चा। आप निश्चित रूप से परिक्षा पे चर्चा 2020 का आनंद लेंगे।

- केंद्रीय विद्यालय की छात्राएं परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में एंकरिंग कर रही हैं। अब तक 6 केंद्रीय विद्यालय के छात्र व छात्राएं एंकरिंग कर चुके हैं।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि परीक्षा पे चर्चा' 2020 का बेसब्री से इंतजार है। भारत के युवाओं के साथ जुड़ने की खुशी है। उनकी ऊर्जा और जीवंतता अद्वितीय है। आज हम परीक्षा से संबंधित कई विषयों और परीक्षाओं से हटकर जीवन के बारे में भी बात करेंगे।

पचास दिव्यांग छात्र भी शामिल

कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दो हजार बच्चों को आमंत्रित किया गया है। इनमें करीब पचास दिव्यांग छात्र भी शामिल होंगे। इनमें से एक हजार छात्रों का चयन देश भर से प्रतिस्पर्धा के जरिए किया गया है। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चे पीएम से सीधे पढ़ाई से जुड़े सवाल पूछते दिखेंगे।

निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से चुनाव

सरकार की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि MyGov के साथ साझेदारी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने कार्यक्रम के लिए कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए पांच अलग-अलग विषयों पर एक 'शॉर्ट निबंध' प्रतियोगिता शुरू की थी। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्रों में से, 1,050 को एक निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया है।