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PMC बैंक घोटाला: दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई आज, केंद्र-RBI रखेंगे अपना पक्ष

पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC Bank) घोटाले को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में अहम सुनवाई होगी।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:23 AM (IST)
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PMC बैंक घोटाला: दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई आज, केंद्र-RBI रखेंगे अपना पक्ष
नई दिल्ली, एएनआइ। Punjab & Maharashtra Co-operative (PMC) Bank case : पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC Bank) घोटाले को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में अहम सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में पीएमसी बैंक घोटाले के पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार (Union Government) के साथ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) को नोटिस भेजा था। इस नोटिस के जवाब में पीएमसी बैंक घोटाले मामले में खाताधारकों को नकद निकासी पर प्रतिबंध हटाने को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र और आरबीआइ अपना पक्ष रखेगी।

गौरतलब है कि कोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि खाताधारकों की बचत का बीमा किया जाए, जिससे सभी निवेशक अपना जमा पैसा वापस पा सकें। इसके साथ ही याचिका में कानून बनाने की भी मांग की गई है, जिससे भविष्य में इस तरह के बैंक घोटाले नहीं हों।  इसी के साथ इस याचिका में पूरे मामले की हाई लेवल कमेट से घोटाले की जांच की गई है।

वहीं, पिछले सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने वित्त मंत्रालय के साथ केंद्र सरकार, आरबीआइ और पीएमसी बैंक को भी अपना रुख स्पष्ट करने का कहा था।  

...इसलिए परेशान हैं बैंक खाता धारक

गौरतलब है कि पीएमसी बैंक घोटाले के बाद खाताधारकों को पैसे निकाले पर रोक लगा दी गई है। इसी के साथ बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रियल एस्टेट कंपनी एचडीआइएल को दिए गए कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर पाबंदी लगाई गई है। बता दे कि पीएमसी बैंक ने कुल कर्ज यानी 8,880 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपेय का कर्ज सिर्फ एचडीआइएल को ही दिया था। 

खाताधारकों की परेशानी की बड़ी वजह आरबीआइ द्वारा लगाई गईं पाबंदिया हैं। दरअसल, घोटाला सामने आने के बाद खाताधारकों के राशि निकालने की सीमा 1,000 रुपये कर दी थी। इसे बाद में बढ़ा कर 40,000 रुपये (छह महीने के भीतर) कर दिया। इसके बावजूद खाताधारक संतुष्ट नहीं हैं।