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दूसरी मंजिल पर पढ़ रहे थे बच्चे और अचानक से गिरी तीसरी मंजिल, हर तरफ मच गई थी चीख-पुकार

दिल्‍ली के भजनपुरा में शनिवार की रात को बड़ा दुखद हादसा हुआ। कई पढ़ाई कर रहे बच्‍चों को उस वक्‍त हादसे का शिकार हो गए जब एक इमारत गिर गई।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 26 Jan 2020 08:34 AM (IST)
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दूसरी मंजिल पर पढ़ रहे थे बच्चे और अचानक से गिरी तीसरी मंजिल, हर तरफ मच गई थी चीख-पुकार
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भजनपुरा के सुभाष विहार स्थित एक निर्माणाधीन इमारत की तीसरी मंजिल का लेंटर ढहने से शनिवार को चार बच्चों और एक शिक्षक की मौत हो गई। हादसे के समय करीब 12 बच्चे और दो शिक्षक इमारत की दूसरी मंजिल पर बने कोचिंग सेंटर में मौजूद थे। इसी दौरान लेंटर का मलबा दूसरी मंजिल की छत पर गिरा, जिस कारण यह छत भी ढह गई और इसके नीचे पढ़ रहे बच्चे व शिक्षक दब गए।

पांच लोगों की हुई मौत

सूचना मिलते ही पुलिस के साथ दमकल विभाग, जिला आपदा प्रबंधन और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंचीं। एंबुलेंस से सभी लोगों को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया। यहां चार बच्चों और एक शिक्षक को मृत घोषित कर दिया गया। शिक्षक की पहचान उमेश उर्फ बल्ली (30) के रूप में जबकि दिशु (14), कृष्णा (12), कृतिका त्यागी (10) और फुरकान (6) की पहचान बच्चों के रूप में हुई है।

नौ घायलों का चल रहा इलाज

नौ घायलों का इलाज चल रहा है। इन सबकी हालत खतरे से बाहर है। पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या ने बताया कि लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा घटनास्थल पर पहुंचे और दुख जताया।

यहां हुआ है हादसा

हादसा गली नंबर-6, सुभाष विहार, भजनपुरा में हुआ। यहां दो भाई हरिशंकर और उमेश अपने मकान में ही एजुकेशनल प्वाइंट  के नाम से र्कोंचग सेंटर संचालित कर रहे थे। इसमें पहली से बारहवीं तक के बच्चों को दोनों ट्यूशन पढ़ाते थे। पहले यह मकान एक मंजिल तक बना हुआ था। बाद में दूसरी मंजिल तैयार हुई। इसकी छत गाटर और पट्टियों पर थी।

दूसरी मंजिल पर चल रहा था क्‍लास

इसके ऊपर तीसरी मंजिल पर भी अब कमरे बनाए जा रहे थे। शनिवार दोपहर दूसरी मंजिल के दोनों कमरों में बच्चे ट्यूशन पढ़ रहे थे। तभी लेंटर गिर पड़ा। इससे दूसरी मंजिल की छत भरभराकर बच्चों और शिक्षकों पर गिर गई।

स्‍थानीय लोगों ने शुरू किया था सबसे पहले मदद देने का काम

स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे बच्चों को निकालने का काम शुरू किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मकान करीब 40 वर्ष पुराना है। आशंका है कि तीसरी मंजिल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ, जिस कारण यह हादसा हुआ है। 

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