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Bhajanpura Building Collapse: निर्माणाधीन इमारत का मालिक शंकर कश्यप गिरफ्तार

सुभाष विहार निर्माणाधीन इमारत के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी शंकर कश्यप पिछले तीन-चार साल से बिल्डिंग में ट्यूशन सेंटर चला रहा था।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 26 Jan 2020 10:18 PM (IST)
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Bhajanpura Building Collapse: निर्माणाधीन इमारत का मालिक शंकर कश्यप गिरफ्तार
नई दिल्ली, प्रेट्र। भजनपुरा के सुभाष विहार निर्माणाधीन इमारत के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। निर्माणाधीन इमारत गिरने से शनिवार को चार छात्रों समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी शंकर कश्यप पिछले तीन-चार साल से बिल्डिंग में ट्यूशन सेंटर चला रहा था।

गिरफ्तार किए गए आरोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि इस मामले में अन्य लोगों की भी गिरफ्तार हो सकती है। 

कोचिंग सेंटर में बढ़ रही थी बच्चों की संख्या

कोचिंग सेंटर में 12वीं तक के बच्चे पढ़ते थे। दोनों भाइयों के अलावा उनकी पत्नियां भी पढ़ाती थीं। कुछ शिक्षक भी यहां नौकरी पर रखे गए थे। पड़ोस में रहने वाले जगमीत ने बताया कि यहां एक दिन में 150 बच्चे अलग-अलग शिफ्ट में पढ़ाई करते थे। बच्चों की संख्या बढ़ रही थी, इसी वजह से तीसरी मंजिल पर भी कमरा बनाया जा रहा था। दोनों भाइयों का परिवार भूतल और पहली मंजिल पर रहता है।

कोचिंग सेंटर भी अवैध रूप से चल रहा था

नियमानुसार कोचिंग सेंटर व्यावसायिक मार्गों पर ही चलाए जा सकते हैं। कोचिंग सेंटर चलाने से पहले लाइसेंस लेना पड़ता है और बच्चों की संख्या के हिसाब से मकान की मजबूती का प्रमाण पत्र भी देना पड़ता है। लेकिन यहां कोचिंग सेंटर चलाने के लिए कोई लाइसेंस नहीं लिया गया था। कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा बच्चों की जान की परवाह किए बगैर कार्य किया जा रहा था। अधिक मुनाफा कमाने की चाहत ने इतने बड़े हादसे को न्यौता दे दिया। पिछले दिनों सूरत के कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद पूर्वी निगम सक्रिय हुआ था और कोचिंग सेंटरों की जांच शुरू की थी। लेकिन अब फिर से नियमों का उल्लंघन कर कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं।

पुलिस ने घटनास्थल से उठाए मलबे के नमूने

पुलिस को आशंका है कि यहां पर कमरे बनाने में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस वजह से पुलिस ने मलबे से नमूने उठाए हैं। पुलिस इन नमूनों की जांच कराएगी। माना जा रहा है कि सेंटर संचालकों के साथ ठेकेदार भी जांच के लपेटे में आ सकता है।

दो दिन पहले भी गिरा था मलबा

इसे कोचिंग सेंटर संचालकों की लापरवाही ही कहेंगे कि दो दिन पहले हुए हादसे से उन्होंने सबक नहीं लिया और निर्माण कार्य को जारी रखा। स्थानीय लोगों के मुताबिक दो दिन पहले भी निर्माण कार्य के दौरान दूसरी मंजिल की छत पर मलबा गिरा था, लेकिन उस दिन छत नहीं गिरी। इसके बाद फिर से मलबे को हटाकर तीसरी मंजिल पर कमरे में काम शुरू कर दिया गया। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते संचालक ने समझदारी दिखाई होती तो यह हादसा नहीं होता।

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