Aircel Maxis Case: दिल्ली कोर्ट ने ईडी और CBI को दिए निर्देश- पी.चिदंबरम और बेटे के लिए जारी करें नई रिपोर्ट
Aircel Maxis Case दिल्ली कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी को नई स्टेट्स रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। Aircel Maxis Case: दिल्ली कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती चिदंबरम के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी को नई स्टेट्स रिपोर्ट फाइल करने काे निर्देश दिए हैं। इस केस की सुनावाई आज यानी 31 जनवरी को हुई। इस दौरान कोर्ट ने नई रिपोर्ट फाइल करने का दो हफ्ते का समय दिया गया है।
बता दें कि एयरसेल-मैक्सिस केस में दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआइ और ईडी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और और उनके बेटे कार्ती के खिलाफ अग्रिम जमानत दे दी है। साथ ही इस मामलें में जांच में शामिल होने के भी निर्देश दिए थे।
क्या है एयरसेल मैक्सिस केस
साल 2006 में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से जुड़ा एयरसेल मैक्सिस केस सामने आया। पी. चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री इस डील को मंजूरी दी थी। पी. चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास महज 600 करोड़ रूपये तक के ही प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को मंजूरी देने का अधिकार था। उन्हें इससे बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट समिति से मंजूरी लेना जरूरी था। एयरसेल मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बाद भी चिदंबरम ने बिना कैबिनेट की मंजूरी के इस डील को पास कर दिया।
इससे पहले कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में दोनों नेताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अंतरिम सुरक्षा एक अगस्त तक बढ़ा दी थी। सनद रहे कि इस मामले में अदालत पहले भी पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देती रही है। इस मामले में इडी द्वारा दायर चार्जशीट में पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा कुल 18 आरोपी हैं।
मैक्सिस मलेशिया की एक कंपनी है जिसका मालिकाना हक एक बिजनेस टॉयकून टी. आनंद कृण्णन के पास है जिन्हें टैक नाम से भी जाना जाता है। टैक श्रीलंका की तमिल पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले एक मलेशियाई नागरिक है। एयरसेल को सबसे पहले एक एनआरआई टॉयकून सी. सिवसंकरन (सिवा) ने प्रमोट किया था, जो कि तमिलनाडु के मूल निवासी थे। साल 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। बाकी की 26 फीसदी हिस्सेदारी अब एक भारतीय कंपनी के पास है। इन 26 फीसदी शेयर का मालिकाना हक सुनीता रेड्डी के पास है।