Nirbhaya case: फांसी से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दोषी पवन की याचिका खारिज
Nirbhaya case निर्भया मामले में चारों दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता ने फांसी से बचने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
नई दिल्ली एएनआइ। Nirbhaya case : निर्भया मामले में चारों दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता ने फांसी से बचने की कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गई है। निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अपराध के समय उसके नाबालिग होने की दलील ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है।
बहस पूरी होने के चार घंटे बाद कोर्ट ने ये फैसला दिया। जज ने सिर्फ एक लाइन में कहा कल होने वाली फांसी पर रोक लगाई जाती है। वहीं निर्भया की मां का कहना है कि दोषियों के वकील ने मुझे चैलेंज किया है कि फांसी कभी नहीं होगी। निर्भया की मां का कहना है लड़ाई लड़ते हुए सात साल हो गए। आखिरी सांस तक यह जारी रहेगी। सरकार को फांसी देनी ही होगी।
बता दें कि निचली अदालत ने चारो दोषियों को फांसी देने की 1 फरवरी की तिथि तय कर रखी है। हालांकि, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट के मुद्दे पर दोषियों की वकील ने याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई जारी है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के मुताबिक, एक दिन बाद यानी एक फरवरी को तिहाड़ जेल संख्या-3 में चारों दोषियों (अक्षय सिंह ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) में फांसी दी जानी थी। इसकी तैयारी भी तिहाड़ जेल में अंतिम चरण में है। इसी कड़ी में जल्लाद भी पवन भी पहुंच चुका है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय और पवन) ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी।