CAA protest: दिल्ली आने से बच रहे हैं विदेशी सैलानी, कैंसिल हो रही होटलों की बुुुुुकिंग
अमेरिका व ब्रिटेन समेत कुछ देशों ने अपने नागरिकों को भारत जाने से परहेज की एडवाइजरी जारी कर रखी है जिससे इन देशों के पर्यटक दिल्ली घूमने के अपने प्लान को स्थगित कर रहे हैं।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे हिंसक आंदोलनों के चलते राष्ट्रीय राजधानी का पर्यटन उद्योग सांसत में है। लगातार आंदोलन, तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाओं के चलते दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही है। अमेरिका व ब्रिटेन समेत कुछ देशों ने अपने नागरिकों को भारत जाने से परहेज की एडवाइजरी जारी कर रखी है, जिससे इन देशों के पर्यटक दिल्ली घूमने के अपने प्लान को स्थगित कर रहे हैं। हालत यह कि पिछले दो माह में विदेशियों द्वारा होटलों के कमरों की 50 फीसद के करीब बुकिंग निरस्त की गई है। उद्योग के जानकारों ने कहा कि आने वाले दिनों में भी स्थिति में सुधार आने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आंदोलन जारी है।
अक्टूबर से मार्च तक पर्यटन के लिहाज से अहम
दिल्ली होटल महासंघ के सदस्य व सुशांत ट्रैवल्स के निदेशक विजय तिवारी ने बताया कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय पर्यटन के लिहाज से अहम होता है। दिसंबर और जनवरी में दिल्ली के होटलों के कमरों की बुकिंग 90 से 100 फीसद तक हो जाती है, लेकिन इस बार यह 50 फीसद से अधिक नहीं है। उनके चार होटल्स में ही पिछले दो माह में 473 विदेशी पर्यटकों की बुकिंग थी, जिनमें से 226 बुकिंग निरस्त हुए हैं।
देश की छवि को नुकसान
दिल्ली फूड वॉक कंपनी के निदेशक अनुभव साप्रा ने कहा कि हिंसक आंदोलनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है। पर्यटक हिंंसाग्रस्त देश में जाने से बचने की कोशिश करते हैं। पिछले माह ही इस कारण उनके यहां 70 से 80 विदेशी पर्यटकों की बुकिंग निरस्त हुई है।
कोरोना वायरस से प्रभावित ‘चाइना टू चांदनी चौक'
पर्यटन उद्योग लगातार एक के बाद एक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से झटके खा रहा है। कोरोना वायरस से चीन व उसके आस-पास के देशों से पर्यटकों के भारत आने का सिलसिला अचानक ठहर गया है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष प्रणब सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के हमले के चलते चीन के नागरिक अपने विदेशी यात्रओं को निरस्त कर रहे हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार ने टूर ट्रेवेल व होटल एसोसिएशंस को पत्र भी लिखा है कि वह मानवीय आधार पर चीनी नागरिकों को बुकिंग निरस्त करने के एवज में पैसे लौटाएं। इससे भविष्य में पर्यटकों का भरोसा कायम हो सके।