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दिल्ली में कांग्रेस की करारी हार के बाद सुभाष चोपड़ा और पीसी चाको की छुट्टी, इस्तीफा स्वीकार

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:12 PM (IST)
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दिल्ली में कांग्रेस की करारी हार के बाद सुभाष चोपड़ा और पीसी चाको की छुट्टी, इस्तीफा स्वीकार
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा में मिली करारी हार के एक दिन बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। साथ ही दोनों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है। इसके अलावा नए अध्यक्ष और प्रभारी की नियुक्ति होने तक बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का अंतरिम प्रभारी नियुक्त किया है।

बुधवार शाम पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी के निर्देश पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस आशय का आदेश जारी किया। वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि पार्टी चाको और चोपड़ा के योगदान की सराहना करती है। दूसरी तरफ चाको और चोपड़ा ने आलाकमान के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए इतना ही कहा कि हम पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं, आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसका निवर्हन करेंगे।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद चाको ने बुधवार को इस्तीफा दिया था जबकि चोपड़ा ने मंगलवार को नतीजे आने के बाद ही पार्टी आलाकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया था। विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा को आठ सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका। 
कांग्रेस के दिग्गजों की जमानत जब्त

दिल्ली विधानसभा चुनाव में चली आम आदमी पार्टी (आप) की आंधी में विपक्षी दलों के सूरमा चित हो गए। पार्टी के प्रत्याशियों को जीत दिलाना तो दूर विपक्षी दलों के दिग्गज नेता अपनों की जमानत तक नहीं बचा सके। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बेटी से लेकर चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष की पत्नी को भी हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्व की कांग्रेस सरकार में मंत्री से लेकर विधायक रह चुके प्रत्याशी आप के उम्मीदवार के सामने अपनी सीट तक नहीं बचा सके।

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बात करें तो इनकी बेटी शिवानी चोपड़ा कालकाजी विधानसभा सीट से मैदान में थीं। सुभाष चोपड़ा दो बार इसी सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन वह न तो पार्टी को न ही अपनी बेटी को जीत दिला सके। आप प्रत्याशी आतिशी के समक्ष शिवानी की जमानत जब्त हो गई। 

शीला सरकार में मंत्री रहे हारून यूसुफ बल्लीमारान सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे, लेकिन इस बार वह जीत नहीं दर्ज कर सके। आप प्रत्याशी इमरान को जहां 65644 मत मिले। वहीं हारुन 4802 मत ही हासिल कर पाए। अरविंदर सिंह लवली गांधी नगर से कांग्रेस के टिकट पर मैदान पर थे। लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे लवली चुनाव भले ही न जीत पाएं हों, लेकिन कांग्रेस की तरफ से बेहतर प्रदर्शन करने वाले वह इकलौते प्रत्याशी रहे। लवली को 21913 मत मिले।

शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे कृष्णा नगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार वालिया का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। आप प्रत्याशी एसके बग्गा के सामने उनकी जमानत जब्त हो गई। 

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