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2012 Delhi Nirbhaya case: विनय को मिलेगी फांसी से राहत या लगेगा झटका, SC शुक्रवार 2 बजे सुनाएगा फैसला

2012 Delhi Nirbhaya case याचिका में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयानों को भी आधार बनाया गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 01:12 PM (IST)
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2012 Delhi Nirbhaya case: विनय को मिलेगी फांसी से राहत या लगेगा झटका, SC शुक्रवार 2 बजे सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। 2012 Delhi Nirbhaya case: निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई जारी है, जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज को चुनौती दी है।

विनय की दया याचिका खारिज करते समय मेडिकल रिपोर्ट को नहीं लिया गया संज्ञान

कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दोषी विनय के वकील ने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय सोशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट और मेडिकल स्टेटस रिपोर्ट को संज्ञान में नहीं लिया गया।  वहीं, दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और शुक्रवार दोपहर 2 बजे इस पर अपना फैसला सुनाएगा। 

बता दें कि दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ठुकरा चुके हैं और इसी निर्णय के खिलाफ और फांसी से राहत की उम्मीद में वह सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचा है। याचिका में विनय ने राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा की गुजारिश की है। विनय का तर्क है कि उसके मामले में राजनीति की गई है, जिससे उसे राहत नहीं मिल पाई। उसने सवालिया लहजे में याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति के पास भेजी गई सलाह पक्षपात और पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। याचिका में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयानों को भी आधार बनाया गया है। तर्क दिया गया है कि राजनीतिक बयानों के चलते यह सब हुआ और यह उसके अधिकारों का हनन है। 

वहीं, बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान निर्भया की मां ने अदालत में हाथ जोड़कर कहा कि उसके साथ अन्याय न किया जाए। वह एक से दूसरी अदालत में भाग रही हैं, लेकिन न्याय नहीं हो रहा। उन्होंने हाथ जोड़कर दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग की। वहीं जब सुनवाई टल गई तो निर्भया की मां और एक गैर सरकारी संगठन ने अदालत परिसर के बाहर नारेबाजी की और न्याय मांगा।