2012 Delhi Nirbhaya Case: फांसी के और करीब पहुंचे चारों दोषी, विनय की याचिका भी हुई SC से खारिज
2012 Delhi Nirbhaya Case दोषियों के वकील एपी सिंह ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विनय को जेल में प्रताड़ित किया गया जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गया है।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 14 Feb 2020 05:57 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Nirbhaya Case : निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विनय की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई थी। विनय की याचिका खारिज करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह मेडिकली फिट है।
विनय की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद चारों दोषी (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर) फांसी के और करीब पहुंच गए हैं। बता दें कि मृत्युदंड से बचने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रपति के दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी गई थी।
इसी याचिका पर सुनवाई में बृहस्पतिवार को दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विनय को जेल में बहुत प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गया है। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय उसके मानसिक रूप से बीमार होने के पहलू पर विचार नहीं किया।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विनय के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए अदालत को बताया था कि विनय शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट और स्वस्थ चित्त है। कोर्ट ने करीब दो घंटे तक जिरह सुनने के बाद विनय की याचिका पर शुक्रवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दिए थे दोषी के वकील ने कई तर्क
- वकील एपी सिंह ने दया याचिका खारिज करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उप राज्यपाल ने दया याचिका प्रेषित करने की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
- वकील ने कोर्ट से फाइल दिखाने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। परंतु सरकार की ओर कोर्ट मे ओरिजनल फाइल पेश की जिसे कोर्ट ने देखा। कोर्ट ने फाइल देखकर पाया कि उस पर दिल्ली सरकार के संबंधित मंत्री और उप राज्यपाल के हस्ताक्षर थे।