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दिल्ली में हार के बाद भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर, प्रत्याशी बंद लिफाफे में दे रहे शिकायत

खराब प्रदर्शन के लिए नेता एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। असली कारण जानने के लिए तीन दिनों तक प्रदेश कार्यालय में मंथन चला।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:18 AM (IST)
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दिल्ली में हार के बाद भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर, प्रत्याशी बंद लिफाफे में दे रहे शिकायत
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भाजपा में इन दिनों हार पर मंथन चल रहा है। चुनाव में जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं के साथ बात करने के बाद अब कार्यकर्ताओं के साथ मंथन होगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। इन बैठकों में प्रत्याशी को भी शामिल किया जाएगा। वहीं, कई प्रत्याशी हार के कारण व अपनी शिकायत प्रदेश नेतृत्व को भेज रहे हैं।

खराब प्रदर्शन के लिए नेता एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। असली कारण जानने के लिए तीन दिनों तक प्रदेश कार्यालय में मंथन चला। विस्तारक, प्रभारी व संयोजक के साथ ही पार्षदों और चुनाव प्रबंधन समितियों के सदस्यों के साथ राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने बैठक की। अधिकांश लोगों ने गुटबाजी, प्रत्याशियों के चयन में देरी, घोषणा पत्र में देरी और कुछ नेताओं की नफरत वाले बयान को हार का कारण बताया है। सोशल मीडिया टीम के कार्यकर्ताओं के साथ भी चर्चा की गई है। उनसे सोशल मीडिया पर भाजपा के साथ ही दूसरी पार्टियों के चुनाव अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की गई।

19 फरवरी से होगी समीक्षा बैठक

19 फरवरी से विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर प्रत्याशियों के साथ बैठक होनी है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपना संदेश बंद लिफाफे में भेजना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जल्द ही वरिष्ठ नेता प्रत्याशियों के साथ बैठक करेंगे। इसके साथ ही 19 फरवरी से विधानसभा स्तर पर वहां के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जाएगी। ज्यादातर विधानसभाओं में 19 व 20 फरवरी को बैठक हो जाएगी। प्रत्येक बैठक में राष्ट्रीय स्तर का और प्रदेश का कोई नेता शामिल होगा।

इन बैठकों में बूथ कार्यकर्ताओं को भी बुलाया जाएगा। इस बार पार्टी ने बूथ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया था। प्रत्येक दस घरों की जिम्मेदारी एक कार्यकर्ता को सौंपी गई थी, बावजूद इसके भाजपा उम्मीदवारों को समर्थन नहीं मिला। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस माह के अंत तक राष्ट्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। कार्यकर्ताओं व नेताओं से मिलने वाले फीडबैक को ध्यान में रखकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

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