2012 Delhi Nirbhaya Case: तिहाड़ जेल की दीवार पर निर्भया के दोषी विनय शर्मा ने पटका सिर
2012 Delhi Nirbhaya Case निर्भया के दोषी फांसी टालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में चारों दोषियों में से एक विनय ने अपना सिर जेल की दीवार पर पटक दिया।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 01:04 PM (IST)
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। Nirbhaya Case: निर्भया के चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में दीवार पर अपना सिर पटक दिया। जिससे उसे मामूली चोट आयी है। यह घटना 16 फरवरी को बताई जा रही है। जिसकी जानकारी अब सामने आयी है। बताया जा रहा है कि इसके पहले कि विनय जोर से अपना सिर पटकता, उसे मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने काबू कर लिया। सिर पटकने से विनय के माथे पर कुछ चोटें आई हैं। जेल प्रशासन इसे मामूली चोट बता रहा है। इस घटना के बाद अन्य सेल में बंद निर्भया के दोषियों को लेकर जेल प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है।
जेल सूत्रों का कहना है कि तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों का व्यवहार आक्रामक हो गया है। पहले की तुलना में अब वे आक्रामक व्यवहार करने लगे हैं। उन्हें मामूली बात पर भी गुस्सा आ रहा है। उनका बोलचाल अब पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि उनके व्यवहार पर पूरी नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद अब अन्य दोषी भी खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें, इसके लिए सीसीटीवी कैमरे से मिल रहे फुटेज पर एक कर्मचारी हमेशा नजर रख रहा है।
रोजाना दोषियों के स्वास्थ्य की हो रही जांच
सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन अभी यह नहीं चाहता है कि डेथ वारंट जारी होने के बाद इन्हें अचानक ऐसा न लगे कि इनके साथ प्रशासन का व्यवहार एकदम बदल गया है। ऐसे में मौका मिलने पर अधिकारी इनसे समय-समय पर जाकर बातचीत करते हैं।इनके आसपास के माहौल को सामान्य बनाकर रखने की कोशिश की जा रही है। तमाम कोशिशों के बीच दोषियों को सामान्य करने के लिए इनकी लगातार काउंसलिंग की जा रही है। दोषियों को समय-समय पर परिजनों से भी मिलने दिया जा रहा है। ऐसा करने का मकसद दोषियों को सामान्य रखना है। रोजाना दोषियों की स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। विनय के सेल में सिर पटकने की घटना के बाद अन्य दोषियों अक्षय, पवन व मुकेश पर जेलकर्मियों का विशेष ध्यान है। इनके सेल के ठीक सामने दो जेलकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं।
स्वास्थ्य क्यों हैं अहमबता दें कि निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया है। तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी दिया जाएगा। जेल मैनुअल के हिसाब से फांसी पर लटकाने से पहले दोषी का पूरी तरह स्वस्थ होना जरूरी है। दोषी को शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए, ताकि फांसी पर लटकाने से पहले की पूरी प्रक्रिया का वह सामना कर सके। यदि दोषी अस्वस्थ पाया जाएगा तो उसे फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। गौरतलब है कि फांसी पर लटकाने से कुछ मिनट पहले फांसी घर के सामने दोषी को उसके दोष की पूरी जानकारी और दी गई सजा के बारे में पढ़कर सुनाया जाता है, ताकि उसे उसके किए का पता चले।
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