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सट्टेबाज संजीव चावला के खिलाफ गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिया जवाब, फैसला सुरक्षित

गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि संजीव चावला के खिलाफ जांच को लेकर यूके कोर्ट में कोई आश्वासन नहीं दिया गया।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:24 AM (IST)
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सट्टेबाज संजीव चावला के खिलाफ गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिया जवाब, फैसला सुरक्षित
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारत-दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले में प्रत्यर्पण कर दिल्ली लाए गए देश के बड़े सट्टेबाजों में शामिल संजीव चावला मामले में गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ को बताया कि चावला को तिहाड़ जेल में पिकनिक के लिए नहीं लाया गया है। उसे इस केस में जुटाए गए सुबूतों से सामना करने के लिए लाया गया है।

सरकार ने कहा कि कभी भी यूके (यूनाइटेड किंगडम) की अदालत को यह आश्वासन नहीं दिया कि संजीव चावला से जुड़े मामले में आगे कोई जांच नहीं होगी। गृह मंत्रालय ने पीठ को बताया कि निष्पक्ष ट्रायल के लिए संजीव के खिलाफ जुटाए गए सुबूतों से सामना कराना पड़ेगा, ताकि षड्यंत्र का पता लगाया जा सके और इसमें शामिल अन्य आरोपितों की पहचान की जा सके। 12 दिन की न्यायिक हिरासत को चुनौती देने वाली चावला की याचिका पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।

याचिका पर गृह मंत्रालय की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि चावला तिहाड़ जेल में रहेंगे और जांच एजेंसी वहीं पर उनसे पूछताछ करेगी। उन्होंने कहा कि अगर जांच के लिए चावला को जेल से बाहर ले जाने की जरूरत होगी तो अदालत से इसकी अनुमति ली जाएगी।

19 साल बाद लाया गया है भारत

फरवरी-मार्च 2000 में भारत में आयोजित हुई भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट क्रिक्रेट मैच सीरिज में हुई फिक्सिंग मामले में 19 साल बाद संजीव चावला को लंदन से प्रत्यर्पण पर दिल्ली लाया गया था। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए भी इस फि¨क्सग में शामिल थे और 2002 में निधन हो गया था।14 को भेजा था तिहाड़ : 14 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने चावला को हिरासत में लेकर पूछताछ करने से राहत देते हुए अगले आदेश तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था। 13 फरवरी को निचली अदालत ने मामले में पूछताछ के लिए संजीव चावला को 12 दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया था। निचली अदालत के फैसले को संजीव ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।