Delhi Metro: लाखों यात्रियों के लिए खुशखबरी, इन 3 मेट्रो लाइनों पर सफर होगा और आसान
Delhi Metro यलो रेड और ब्लू लाइन कॉरिडोर पर ऐसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जिससे ओएचई खराब होने पर मेट्रो कॉरिडोर के बड़े हिस्से पर बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 02:29 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Metro : तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली मेट्रो का परिचालन प्रभावित होने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। परेशानी तब ज्यादा होती है जब ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) में खराबी आ जाए। ऐसी सूरत में कई घंटे परिचालन प्रभावित होने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने तीन पुराने मेट्रो कॉरिडोर (रेड, यलो व ब्लू लाइन) पर ट्रैक्शन सिस्टम में बदलाव करने की तैयारी की है। इन तीनों कॉरिडोर पर ऐसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जिससे ओएचई खराब होने पर मेट्रो कॉरिडोर के बड़े हिस्से पर बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
ट्रैक्शन सिस्टम में बदलाव से समस्या होगी दूर
डीएमआरसी का कहना है कि ओएचई में खराबी आने पर उस मेट्रो कॉरिडोर के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति ठप करनी पड़ती है। इस वजह से उस हिस्से पर सिंगल लाइन पर परिचालन करना पड़ता है। इस वजह से परिचालन प्रभावित होने का असर अधिक दिखता है। इस वजह से ट्रैक्शन सिस्टम में बदलाव करने का फैसला किया गया है। इस योजना पर अमल के बाद ओएचई में खराबी होने पर घटनास्थल के आसपास के एक-दो स्टेशनों के बीच ही परिचालन पर असर पड़ेगा। बाकी हिस्से पर परिचालन ठीक हो सकेगा। इससे यात्रियों को असुविधा कम होगी। डीएमआरसी इस योजना पर 33.82 करोड़ खर्च करेगा। उपकरण को लेकर अभी पुख्ता जानकारी नहीं
डीएमआरसी का कहना है कि ओएचई में खराबी आने पर उस मेट्रो कॉरिडोर के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति ठप करनी पड़ती है। इस वजह से उस हिस्से पर सिंगल लाइन पर परिचालन करना पड़ता है। इस वजह से परिचालन प्रभावित होने का असर अधिक दिखता है। इस वजह से ट्रैक्शन सिस्टम में बदलाव करने का फैसला किया गया है। इस योजना पर अमल के बाद ओएचई में खराबी होने पर घटनास्थल के आसपास के एक-दो स्टेशनों के बीच ही परिचालन पर असर पड़ेगा। बाकी हिस्से पर परिचालन ठीक हो सकेगा। इससे यात्रियों को असुविधा कम होगी। डीएमआरसी इस योजना पर 33.82 करोड़ खर्च करेगा। उपकरण को लेकर अभी पुख्ता जानकारी नहीं
डीएमआरसी की नई पहल से यात्रियों को आने वाले दिनों में राहत मिल सकती है। हालांकि किस तरह के उपकरण लगाए जाएंगे अभी यह जानकारी डीएमआरसी ने नहीं दी है।ओएचई खराब होने की कुछ घटनाएं
5 फरवरी 2020: ब्लू लाइन पर राजीव चौक से आरके आश्रम के बीच ओएचई टूटने के कारण करोल बाग से इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के बीच दोपहर में करीब एक घंटे तक परिचालन प्रभावित रहा था।
16 अगस्त 2019: रेड लाइन पर कश्मीरी गेट स्टेशन के पास ओएचई टूटने से मेट्रो का परिचालन करीब सवा घंटा प्रभावित रहा। तीस हजारी से शास्त्री पार्क के बीच सिंगल लाइन पर परिचालन हुआ था।15 अगस्त 2019: स्वतंत्रता दिवस व रक्षा बंधन के दिन पतंग की डोर से ब्लू लाइन पर ओएचई में खराबी आ गई थी। इस वजह से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण जनकपुरी पश्चिम से कीर्ति नगर के बीच सिंगल लाइन पर परिचालन करना पड़ा था।
29 मई 2019: रेड लाइन पर शाहदरा व दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच ओएचई में खराबी के कारण करीब एक घंटा मेट्रो प्रभावित रहा था।21 मई 2019: यलो लाइन पर ओएचई टूटने के कारण चार घंटे दिल्ली व गुरुग्राम के बीच मेट्रो से आवागमन प्रभावित रहा था। क्योंकि कुतुब मीनार से सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन के बीच परिचालन बिल्कुल ठप था।इन कॉरिडोर पर होता है सबसे ज्यादा परिचालन प्रभावित
रेड लाइन: (रिठाला-दिलशाद गार्डन)यलो लाइन: (समयपुर बादली-हुडा सिटी सेंटर)ब्लू लाइन: (द्वारका सेक्टर 21-नोएडा सिटी सेंटर-इलेक्ट्रॉनिक सिटी)
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- 3 पुराने मेट्रो कॉरिडोर पर ट्रैक्शन सिस्टम में बदलाव की तैयारी
- 1 या 2 स्टेशनों के बीच ही परिचालन पर भविष्य में पड़ेगा असर
- 1 लाइन पर ही मेट्रो का परिचालन करना पड़ता है, वर्तमान में खराबी आने पर