सड़क सुरक्षा पर अध्ययन कर उपाय बताएगी IIT दिल्ली
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और स्वीडन सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्री थॉमस इनरोथ ने एसआइटीआइएस शुरू किया।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Sun, 23 Feb 2020 11:33 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारत सरकार और स्वीडन सरकार के बीच देश में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु दर नियंत्रित करने व यातायात में सुरक्षा के लिए कई कार्यो को करने के लिए वर्ष 2018 में समझौता किया गया था। जिसके तहत स्वीडिश-इंडिया ट्रांसपोर्ट इनोवेशन एंड सेफ्टी प्लेटफॉर्म (एसआइटीआइएस) स्थापित करने पर सहमति बनी थी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का योगदानइसी के मद्देनजर 20 फरवरी से स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और स्वीडन सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्री थॉमस इनरोथ ने एसआइटीआइएस शुरू किया। इसमें दोनों देशों के कई शिक्षण संस्थान व कंपनियां भी काम करेंगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली भी इसमें एक अहम भूमिका निभाने वाला है।
25 सालों से सड़क सुरक्षा व यातायात प्रबंधन पर हो रहा कार्य
इसके बारे में आइआइटी दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अनूप चावला ने बताया है कि हमारा संस्थान 25 सालों से सड़क सुरक्षा व यातायात प्रबंधन पर काम कर रहा है। इसके तहत संस्थान के ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंज्यूरी प्रीवेंशन प्रोग्राम (टीआरआइपीपी) पर काम कर रहा है। इस प्रोग्राम के जरिये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय, भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रलय के साथ काम किया जा रहा है।
सड़क सुरक्षा व यातायात पर होगा अध्ययनअब इस समझौते के तहत स्थापित हुए इस प्लेटफॉर्म के तहत आइआइटी दिल्ली सड़क सुरक्षा व यातायात पर अध्ययन करेगा। अध्ययन करते हुए बेहतर यातायात के प्रबंधन के लिए भारत सरकार की नीतियां को तैयार करने और उन्हें लागू करने में संस्थान सहयोग करेगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में हर वर्ष सड़क हादसों में डेढ़ लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
बता दें कि इससे पहले भी ट्रेफिक नियम में सुधार और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए नया ट्रैफिक नियम पारित किया गया था। इसके तहता जुर्माना राशि को बढ़ाया गया था।
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