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यहां जानिए आखिर डेढ़ माह से चल रहा जाफराबाद प्रदर्शन रविवार को क्यों हुआ हिंसक

जाफराबाद में प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा हुई। इसमें कई लोग जख्मी हो गए।सीएए के समर्थक और विरोधियों के बीच जमकर पथराव और गोलियां भी चलीं।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 23 Feb 2020 08:12 PM (IST)
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यहां जानिए आखिर डेढ़ माह से चल रहा जाफराबाद प्रदर्शन रविवार को क्यों हुआ हिंसक
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में यमुनापार में कई दिनों से चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने रविवार को जाफराबाद के पास हिंसक रूप ले लिया। सभी यह सोच रहे होंगे कि आखिर 40 दिनों से चला आ रहा प्रदर्शन आखिर रविवार को क्‍यों हिंसक हो गया। इसके पीछे दो कारण है। अभी तक जब भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन होता आया है तब वहां सीएए के समर्थकों को पुलिस जाने नहीं देती है। आज सीएए के विरोधी और समर्थक आमने सामने आ गए जिसके कारण स्‍थिति तनावपूर्ण हो गई।

दूसरा कारण यह भी रहा कि जब वहां सीएए के समर्थन में भाजपा नेता कपिल मिश्रा वहां पहुंचे तब कुछ लोगों ने उनके समर्थकों पर अचानक से पथराव कर दिया। इसके बाद दोनों पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से प्रदर्शनकारियों ने पत्‍थर चलाना शुरू कर दिया। काफी देर तक यहां स्थिति पुलिस के नियंत्रण से बाहर रही। सीएए के समर्थक और विरोधियों के बीच जमकर पथराव हुआ। पुलिस के बैरिकेड तोड़े गए।

पथराव में कई लोग हुए जख्‍मी

पथराव में दोनों पक्षों से कई लोग जख्मी हो गए। दोनों तरफ से हवा में कई राउंड गोलियां भी चलीं। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का सहारा लिया, लेकिन ये बेअसर साबित हुआ। मौके पर हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर थे। रह-रहकर पत्थरबाजी हो रही थी।

डेढ़ महीने से चल रहा था जाफराबाद में प्रदर्शन

बता दें कि जाफराबाद में सीएए के विरोध में पिछले डेढ़ माह से सड़क के किनारे टेंट लगाकर महिला प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे। शनिवार रात ये प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए। इसकी वजह से जाफराबाद रोड बंद हो गया। भीड़ को देखते हुए पुलिस व अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर मौजूद रहे।

रविवार की सुबह एक रास्‍ता खुला दूसरा रहा बंद

रविवार सुबह पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मौजपुर से सीलमपुर जाने वाले एक रास्ते को खुलवा लिया। लेकिन, सीलमपुर से मौजपुर जाने वाला मार्ग बंद रही रहा।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा और कुसुम तोमर धरने पर बैठ कर शुरू किया विरोध

इस बीच दोपहर तीन बजे भाजपा नेता कपिल मिश्रा और पार्षद कुसुम तोमर अपने समर्थकों के साथ मौजपुर लाल बत्ती पर सड़क बंद करने के विरोध और सीएए के समर्थन में धरने पर बैठ गए। जय श्रीराम और देश के गद्दारों को, गोली मारो....के नारे लगने लगे।

देखते ही देखते तलवार और पत्‍थरबाजी से माहौल हुआ तनावपूर्ण

इसमें काफी संख्या में लोग जुटने लगे। इसी दौरान कबीर नगर की तरफ से सीएए के समर्थन में बैठे लोगों पर पत्थरबाजी हो गई। इसके बाद मौजपुर तिराहा और बाबरपुर बस टर्मिनल पर दोनों समुदायों के लोग तलवारों और पत्थरों के साथ बाहर निकल आए। देखते-देखते दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। भीड़ के सामने पुलिस की मौजूदगी बेअसर होने लगी। लोगों ने करीब 20 मिनट तक जमकर पथराव किया। इसमें कई लोग जख्मी हो गिए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। लेकिन इससे भी हालात पर नियंत्रण नहीं हो सका।

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