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2012 Delhi Nirbhaya case: फांसी का काउंटडाउन शुरू, दो दोषियों की अभी बाकी है परिजनों से अंतिम मुलाकात

2012 Delhi Nirbhaya Case सामान्य मुलाकात जहां जेल के मुलाकात कक्ष में होती है वहीं अंतिम मुलाकात अधीक्षक कार्यालय परिसर में कराई जा सकती है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 25 Feb 2020 09:53 AM (IST)
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2012 Delhi Nirbhaya case: फांसी का काउंटडाउन शुरू, दो दोषियों की अभी बाकी है परिजनों से अंतिम मुलाकात
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। 2012 Delhi Nirbhaya Case: डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के चार दोषियों में से दो की स्वजनों से अंतिम मुलाकात हो चुकी है। अब केवल दो दोषियों अक्षय व विनय की अंतिम मुलाकात स्वजनों से होनी है। जेल प्रशासन का कहना है कि दोनों को अंतिम मुलाकात के लिए कहा जा चुका है। अभी उनकी ओर से मुलाकात की तिथि के लिए कुछ नहीं कहा गया है। जैसे ही तिथि निश्चित होगी, वैसे ही इनकी भी स्वजनों से अंतिम मुलाकात करा दी जाएगी। नियमानुसार, डेथ वारंट के बाद किसी भी दोषी को स्वजनों से अंतिम मुलाकात का मौका दिया जाता है।

जेल प्रशासन के अनुसार, दोषी अंतिम मुलाकात के बाद भी सामान्य मुलाकात कर सकते हैं। अंतिम मुलाकात और सामान्य मुलाकात में फर्क यह है कि अंतिम मुलाकात में जहां दोषी अपने कई स्वजनों से एकसाथ मिल सकते हैं, वहीं सामान्य मुलाकात में यह संख्या अधिकतम तीन हो सकती है।

सामान्य मुलाकात जहां जेल के मुलाकात कक्ष में होती है वहीं अंतिम मुलाकात अधीक्षक कार्यालय परिसर में कराई जा सकती है। सामान्य मुलाकात में जहां आधे घंटे का समय तय रहता है वहीं अंतिम मुलाकात में समय सीमा को लेकर छूट मिलती है।

जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस मामले में चारों दोषी टेलीविजन पर खुद से जुड़ी तमाम खबरों पर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा रोजाना ये अखबारों में खुद से जुड़ी खबरें पढ़ते रहते हैं। इनके सेल से कुछ ही दूरी पर कैदियों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन लगाया गया है।

फांसी से बचने के लिए चल रहे हर दांव

आगामी 3 मार्च को होने वाली फांसी के चलते अभी से चारों दोषियों की हालत खराब है। सभी दोषियों का व्यवहार असामान्य हो गया है। खासकर विनय पिछले कई दिनों से जानबूझकर अजीबोगरीब हरकत कर रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों जानबूझकर दीवार पर सिर मारने वाले विनय कुमार शर्मा अब भी जेल में कुछ न कुछ ऐसी हरकत कर रहा है, जिससे वह फांसी से बचने का कोई नया रास्ता निकाल सके। जानकारों की मानें तो दोषी इस बात से अनजान नहीं हैं कि चारों को फांसी तभी दी जा सकती है, जब सभी शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हों। अगर मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी गड़बड़ आया तो फांसी को टाला जा सकता है।

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