जेसिका लाल हत्याकांड: मनु शर्मा की समय पूर्व रिहाई पर 28 फरवरी को फैसला
28 फरवरी को होने वाली सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक में जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा को समय से पहले रिहा करने पर फैसला होगा।
गौतम कुमार मिश्र, पश्चिमी दिल्ली। आजीवन कारावास की सजा काट रहे दिल्ली की विभिन्न जेलों में बंद करीब 200 कैदियों की नजर 28 फरवरी को होने वाली सजा समीक्षा बोर्ड (सेंटेंस रिव्यू बोर्ड) की बैठक पर टिकी हुई हैं। इस बैठक में बोर्ड के सदस्य यह तय करेंगे कि किस कैदी को समय से पहले छोड़ा जाए। जिन 200 दोषियों के नाम जेल प्रशासन की ओर से भेजे गए हैं। उनमें जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा व प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड का दोषी संतोष सिंह भी शामिल है।
जेल सूत्रों का कहना है कि मनु शर्मा हो या संतोष सिंह, इनके नाम पहले भी सेंटेंस रिव्यू बोर्ड में भेजे गए हैं, लेकिन इनके नाम खारिज कर दिए गए। अब इस बार क्या होगा, यह बोर्ड के सदस्यों के रुख पर तय होगा। गौरतलब है कि सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की बैठक में कैदियों के व्यवहार को देखते हुए सजा में कमी की जाती है। इसमें उन कैदियों की सजा में छूट पर विचार किया जाता, जिन्होंने अच्छे आचरण के साथ जेल में 14 वर्ष का समय बिताया है।
बैठक में सात सदस्य रहते हैं
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक बोर्ड की बैठक हर चार महीने में आयोजित होनी चाहिए। बैठक में सात सदस्य रहते हैं, जिनमें दिल्ली सरकार के जेल मंत्री, प्रधान गृह सचिव, विधि, न्याय व विधायी मामलों के सचिव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, चीफ प्रोबेशन ऑफिसर, संयुक्त आयुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी व तिहाड़ के महानिदेशक शामिल हैं। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिन 200 कैदियों के नाम हैं, उनमें से कुछ ओपन जेल में तो कुछ सेमी ओपन जेल में हैं।
ऐसे दोषियों को नहीं मिलता लाभ
दुष्कर्म के साथ हत्या, डकैती के दौरान हत्या, दहेज हत्या, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की हत्या, जेल में हुई हत्या, पैरोल के दौरान हुई हत्या, तस्करी के दौरान हुई हत्या, सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हुई हत्या के दोषी कैदी सेंटेंस रिव्यू बोर्ड से सजा में नरमी का आवेदन नहीं कर सकते हैं।