Delhi Violence: दूध लेने गए राहुल को उपद्रवियों ने मार डाला, अप्रैल में है बहन की शादी
Delhi Violence राहुल के पिता हरी सिंह सोलंकी ने बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियों में राहुल दूसरे नंबर का था। उसने सिविल इंजीनियरिंग कर रखी थी।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। सीएए और एनआरसी के समर्थन और विरोध को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों शुरू हुई हिंसा में सोमवार को मरने वाले राहुल सोलंकी की बहन की शादी 27 अप्रैल को होनी है। मृतक का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का रहने वाला है। करीब 30 साल से इनका परिवार शिव विहार पुलिया के पास स्थित बाबू नगर में रहता है।
राहुल के पिता हरी सिंह सोलंकी ने बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियों में राहुल दूसरे नंबर का था। उसने सिविल इंजीनियरिंग कर रखी थी।
दूध लेने के लिए निकला था राहुल
फिलहाल वह वेस्टीज कंपनी में नौकरी करता था। सोमवार शाम करीब 6 बजे वह दूध लेने के लिए निकला तभी अचानक उपद्रवियों की भीड़ द्वारा चलाई गोली राहुल की गर्दन में आकर लगी। गोली लगते ही वह गिर गया। गोली की आवाज सुनकर आस-पास के लोग दौड़े और थोड़ी देर में ही परिजन भी पहुंच गए।
परिजन तुरंत घायल राहुल को लेकर निजी अस्पताल में पहुंचे जहां गंभीर हालत को देखते हुए भर्ती नहीं किया गया। उसके बाद तुरंत परिजन राहुल को लेकर लोनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मृतक के शव को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचा दिया गया। पूरे दिन पोस्टमार्टम के बाद शव मिलने का परिजन इंतजार करते रहे। देर शाम परिजनों को बुधवार को पोस्टमार्टम होने की जानकारी मिली।
उपद्रवियों ने विनोद को पीट-पीटकर मार डाला
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को भड़की हिंसा में देर रात तक और अधिक हिंसक रूप ले लिया। इस बीच उपद्रवियों ने ब्रह्मपुरी की गली नंबर एक में रहने वाले विनोद कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। विनोद कुमार अपने बेटे विनीत के साथ मोटरसाइकिल से करीब रात 11 बजे घर लौट रहे थे। उसी समय घर से कुछ ही दूरी पर दंगाइयों ने उन्हें घेर लिया और पथराव करते हुए लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया।
उन्होंने हाथ जोड़े और उन्हें जाने देने की गुजारिश की लेकिन उपद्रवियों ने उनकी मोटरसाइकिल को आग लगा दी। इस दौरान उनके बेटे को भी पीटकर घायल कर दिया। विनीत के पैर और सिर में काफी चोट आई है। उसके बाद दंगाई विनोद को मृत समझकर छोड़कर चले गए। घायल विनीत जैसे-तैसे विनोद को उठाकर गली में लेकर पहुंचा। कुछ देर बाद जब लोगों को पता चला तो वह विनोद के घर की और दौड़े। उसके बाद उन्हें जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।