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Delhi Violence: अर्द्धसैनिक बलों की सुरक्षा में किया गया राहुल सोलंकी अंतिम संस्कार

Delhi Violence राहुल सोलंकी के घर वाले चाहते थे कि राहुल का अंतिम संस्कार करने तक अर्द्धसैनिक बल उनके परिवार की रक्षा करें।

By Neel RajputEdited By: Updated: Thu, 27 Feb 2020 11:22 AM (IST)
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Delhi Violence: अर्द्धसैनिक बलों की सुरक्षा में किया गया राहुल सोलंकी अंतिम संस्कार

नई दिल्ली, पीटीआइ। उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में मारे गए राहुल सोलंकी का अर्द्धसैनिक बल की सुरक्षा में अंतिम संस्कार किया गया। उनके घर वाले चाहते थे कि राहुल का अंतिम संस्कार करने तक अर्द्धसैनिक बल उनके परिवार की रक्षा करें। बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में 3 दिनों तक हुई हिंसात्मक घटनाओं में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है। 26 वर्षीय सोलंकी एलएलबी का छात्र था, सोमवार को जब उसके साथ यह हादसा हुआ तो वह घर से बाहर दूध लेने गया था। उसके पिता हरी सिंह सोलंकी ने बताया कि उसके दाहिने कंधे पर गर्दन के पास गोली लगने से उसकी मौत हुई।

उन्होंने बताया कि आज हम जीटीबी अस्पताल से उसका शव घर लेकर आए। हम चाहते थे कि जब हम राहुल के अंतिम संस्कार के लिए शमशान जाएं तो पुलिस और अर्द्धसैनिक बल हमारे परिवार की सुरक्षा में रहे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें इस बात का विश्वास दिलाया और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई।

राहुल का एक दोस्त जो घटना के समय उसके साथ था, ने बताया कि हम यह नहीं देख सके कि गोली किसने चलाई है। बस एक भीड़ हमारे पास आते हुए दिखाई दी और हमने भागना शुरू कर दिया। हम नंगे पैर थे और राहुल अपनी चप्पल पहनने लगा, तभी उसे गोली मार दी गई।

सोमवार रात से ही राहुल के परिजन जीटीबी अस्पताल स्थित मोर्चरी में जमे हुए थे। इस दौरान राहुल के शव के लिए उनके पिता हरी सिंह सोलंकी लगातार अधिकारियों और अस्पतालकर्मियों से गुहार लगाते रहे कि उनके बेटे का पोस्टमार्टम कर शव उनको सौंप दिया जाए। दो दिन तक शव के लिए रोते-बिलखते परिजनों को बुधवार शाम को राहुल का शव मिल सका। मोर्चरी पर दो दिन तक करीब 20-25 की संख्या में राहुल के सगे संबंधी डटे रहे। वहीं इस दौरान अन्य मृतकों के परिजन भी मोर्चरी पर शव मिलने का इंतजार करते रहे लेकिन पोस्टमार्टम न होने के कारण उन्हें शव नहीं मिल सका। इनमें दीपक कुमार, महताब, राहुल ठाकुर, अशफाक सहित अन्य मृतकों के परिजन बुधवार शाम तक शव मिलने का इंतजार करते रहे। लेकिन पोस्टमार्टम न होने के कारण उन्हें शव नहीं मिल सका।

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