Delhi Violence: कपड़े खरीदने निकला था दीपक, दंगाइयों ने कर दी हत्या
Delhi Violence दीपक मंगलवार को सुबह 10 बजे घर से दोस्त विक्की के साथ चांदनी चौक से कपड़े खरीदने के लिए निकले थे और दंगाई के बीच फंस गए।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। Delhi Violence: उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में सोमवार से भड़की हिंसा ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। दंगाइयों ने मंगलवार को भी कई लोगों की जिंदगी छीन ली। इन्हीं लोगों में से एक थे दीपक कुमार। दरअसल, दीपक मंगलवार को सुबह 10 बजे घर से दोस्त विक्की के साथ चांदनी चौक से कपड़े खरीदने के लिए निकले थे। बाहर निकलने के बाद जब इन्हें पता चला कि वहां बाजार बंद है तो दोनों ने सोचा कि जब निकले हैं तो घूमने चलते हैं।
इसके बाद चांदनी चौक से वापस लौटकर जब दीपक और विक्की गोकुलपुरी के पास कर्दमपुरी पुलिया पर पहुंचे तो वहां दीपक को दंगाइयों ने घेर लिया। विक्की ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। जब दंगाई वहां से चले गए तो विक्की ने दीपक को देखा और उसे लेकर जीटीबी अस्पताल पहुंचे। यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने दीपक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद विक्की ने दीपक के बड़े भाई अजय कुमार को फोन पर सूचना दी।
सूचना मिलते ही अजय कुमार अस्पताल की ओर दौड़े। अजय कुमार ने बताया कि उनका परिवार मूलरूप से बिहार के भोजपुर जिले के सलेमपुर गांव का रहने वाला है। वे करीब 25 साल से मंडोली में रहते हैं। दीपक और अजय दोनों भाई मजदूरी करते थे।
दीपक अपने परिवार में अकेले कामकाजी व्यक्ति थे। उनकी दो बेटी और एक बेटा हैं। तीनों बच्चे अभी छोटे हैं। उनकी मौत की खबर सुनते ही उनके घर में कोहराम मच गया और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। जबकि बच्चों को कुछ बताया नहीं गया था। देर शाम तक परिजन मोर्चरी पर शव मिलने का इंतजार करते रहे। वहीं पोस्टमार्टम न होने के कारण परिजनों को शव नहीं मिल सका।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध और समर्थन के दौरान यह हिंसा हुई, जिसके बाद अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है।