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दक्षिण दिल्ली के लोगों को झटका, 20,000 से ज्यादा है आय तो देना होगा 150 रुपये प्रोफेशनल टैक्स

दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होते ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने लोगों को बड़ा झटका दिया है। अब निगम क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को संपत्तिकर के साथ पेशेवर कर भी चुकाना होगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 29 Feb 2020 10:02 AM (IST)
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दक्षिण दिल्ली के लोगों को झटका, 20,000 से ज्यादा है आय तो देना होगा 150 रुपये प्रोफेशनल टैक्स

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होते ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने लोगों को बड़ा झटका दिया है। अब निगम क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को संपत्तिकर के साथ पेशेवर कर भी चुकाना होगा। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने इस प्रस्ताव को शुक्रवार को पारित कर दिया है। प्रस्ताव के तहत अब प्रतिमाह 20 हजार या इससे ज्यादा कमाने वाले व्यक्ति को 150 रुपये तो वहीं 50 हजार या इससे ज्यादा कमाने वाले व्यक्ति को 200 रुपये प्रतिमाह का पेशेवर कर देना होगा।

पहली बार लगाया जा रहा ऐसा टैक्स

दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने पहली बार इस तरह का कर वसूलने का फैसला लिया है। इससे पूर्व निगमायुक्त द्वारा हर वर्ष पेशेवर कर लगाने का प्रस्ताव आता था, लेकिन निगम पार्षदों द्वारा इसे खारिज कर दिया जाता था। 2020-21 के प्रस्तावित बजट में निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने भी यह प्रस्ताव किया था।

स्थायी समिति अध्यक्ष से लेकर नेता सदन कमलजीत सहरावत ने प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती। हालांकि, स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि निगम की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। दिल्ली सरकार ने हमारा बकाया रुपया भी नहीं दिया साथ ही पिछले वर्षो में फंड में भारी कटौती की है। इसका सीधा असर निगम की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। हालत यह है कि अगले एक दो माह में निगम के कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में निगम के पास कोई ओर चारा नहीं है कि खराब आर्थिक स्थिति के बीच निगम की आय बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने फंड देने से मना कर दिया।

एक फीसद बढ़ेगा विद्युत कर

दक्षिणी दिल्ली वासियों को निगम ने दोहरा झटका दिया है। पेशेवर कर के साथ ही निगम ने बिजली उपभोक्ताओं से एक फीसद अधिक विद्युत कर लेने का भी फैसला किया है। निगम की स्थायी समिति ने प्रस्ताव को पारित कर दिया है। प्रस्ताव के तहत निगम अभी वर्तमान में बिजली कंपनियों से पांच फीसद का विद्युत कर लेता है अब छह फीसद का विद्युत कर लेगा। दरअसल, निगम बिजली कंपनियों से कर लेता है, लेकिन बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से यह विद्युत कर वसूल करती हैं। कुल बिजली उपयोग का छह फीसद कर अब उपभोक्ताओं को देना होगा। हालांकि, निगम से इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद दिल्ली सरकार की भी अनुमति जरूरी होगी। यह कर बढ़ाने के पीछे भी निगम ने खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया है।

किशनवती (नेता प्रतिपक्ष, दक्षिणी निगम) का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पहले से ज्यादा निगमों को फंड दिया है। लेकिन, निगम भ्रष्टाचार पर तो अंकुश नहीं लगा पा रहा और जनता पर नया कर लगाया जा रहा है जो कि सही नहीं है। 

कैसे वसूला जाएगा पेशेवर कर

निगम के अनुसार जो लोग आयकर जमा करते हैं या फिर जिनकी आय प्रतिमाह 20 हजार रुपये से अधिक है उनकी कंपनियों से टैक्स कटौती की जानकारी मांगी जाएगी। निगम आयकर जमा करने वालों का आंकड़ा लेगा और फिर उस आंकड़े के आधार पर अपने क्षेत्र के नागरिकों से पेशेवर कर की वूसली करेगा।

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