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दिल्ली हिंसा साजिश की तह तक जाना चाहती है मोदी सरकार, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी का बयान

मैं दोहराऊंगा CAA किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनना है बल्कि पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Sun, 01 Mar 2020 01:46 PM (IST)
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दिल्ली हिंसा साजिश की तह तक जाना चाहती है मोदी सरकार, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी का बयान

हैदराबाद, एएनआइ। दिल्ली में हुई हिंसा पर बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि मोदी सरकार दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे की साजिश की तह तक जाना चाहती है। हैदराबाद में एक मंच से बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बोले कि  पिछले सप्ताह के दौरान हमने दिल्ली में गड़बड़ी देखी है। दुर्भाग्य से कई निर्दोष लोगों ने अपनी जान और संपत्ति खो दी, जिसमें एक बहादुर कांस्टेबल भी शामिल था। राजनीतिक दलों, सोशल मीडिया और मीडिया के एक वर्ग द्वारा अफवाहों को हिंसा से जोड़ा गया।

उन्होंने साथ ही कहा कि मोदी सरकार दंगों को गति देने के लिए, यदि कोई हो, तो साजिश का खुलासा करने के लिए सच्चाई की तह तक जाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सीएए के सवाल पर बोलते हुए रेड्डी ने कहा कि मैं दोहराऊंगा, CAA किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनना है, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली का जाफराबाद, मौजपुर, यमुना विहार, चांद बाग, मुस्तफाबाद और भजनपुरा सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आने वाले क्षेत्रों में से एक थे।

तेरह मामले दर्ज

इस बीच, दिल्ली हिंसा से संबंधित उत्तेजक सामग्री पोस्ट करने के लिए ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित विभिन्न प्लेटफार्मों से संचालित खातों के खिलाफ तेरह मामले दर्ज किए गए हैं।भाजपा दिल्ली के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने आज एक ट्वीट में उन लोगों के कारनामों को साझा किया, जिन्होंने भीड़ को उकसाया और उन्हें अपराधी कहा।स्वरा भास्कर सहित कुछ बॉलीवुड हस्तियों और सोशल मीडिया प्रभावितों ने CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उत्तेजक पोस्ट साझा किए थे।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप में नोटिस जारी किए। कांग्रेस ने जनहित याचिका को राजनीति से प्रेरित करार दिया और कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा जैसे पार्टी नेताओं द्वारा किए गए अभद्र भाषणों पर निष्क्रियता को लेकर भाजपा पर हमला किया, जिसके कारण हिंसा हुई।